अनिमेष चंद्रा ने अपनी नौकरी छोड़कर आईआईएफटी में अंतरराष्ट्रीय व्यापार में पीएचडी के लिए परीक्षा देने का साहसिक निर्णय लिया और अब उनका चयन हो गया है। इस उपलब्धि पर उनके परिवार और क्षेत्र में खुशी का माहौल है। अनिमेष की इस सफलता ने साबित किया है कि कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
अनिमेष चंद्रा की बड़ी उपलब्धि: आईआईएफटी में पीएचडी के लिए चयन: नई दिल्ली के प्रतिष्ठित भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) में अंतरराष्ट्रीय व्यापार में पीएचडी के लिए अनिमेष चंद्रा का चयन हुआ है। आईआईएफटी देश के शीर्ष रैंकिंग संस्थानों में से एक है, जो विदेश व्यापार में एमबीए और शोध के लिए प्रसिद्ध है। अनिमेष ने नौकरी छोड़कर इस परीक्षा की तैयारी की और सफलता प्राप्त की। आईआईएफटी में हर साल पीएचडी के लिए केवल दस प्रमुख छात्रों का चयन होता है, और अनिमेष इस वर्ष के चयनित छात्रों में से एक हैं।
यह उपलब्धि अनिमेष की कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय को दर्शाती है। उनकी सफलता ने साबित किया है कि सही दिशा में काम करने से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
अनिमेष चंद्रा की सफलता की कहानी: छोटे शहर से शीर्ष विश्वविद्यालय तक: अगस्त्यमुनि के अनिमेष चंद्रा की यात्रा वास्तव में प्रेरणादायक है, जिन्होंने अपने छोटे शहर से निकलकर देश के शीर्ष विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय व्यापार में पीएचडी करने का सपना पूरा किया है। अनिमेष का परिवार भी उनकी सफलता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसमें उनके पिता विनोद चंद्रा राजनीति में सक्रिय रहे हैं और पूर्व में ब्लॉक प्रमुख के रूप में सेवा दी है।
अनिमेष के ताऊ भुवन चंद्रा भारतीय वन सेवा के बड़े अधिकारी रह चुके हैं और उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के सदस्य भी रहे हैं। उनकी बुआ नन्दा चंद्रा उपशिक्षा अधिकारी के पद से सेवानिवृत हैं, जबकि दूसरी बुआ डॉ. माधुरी राजकीय महाविद्यालय जखोली में प्राचार्य के रूप में कार्यरत हैं। अनिमेष की सफलता ने साबित किया है कि परिवार के समर्थन और अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
अनिमेष चंद्रा की शैक्षिक यात्रा: एक प्रेरणादायक सफलता की कहानी:अगस्त्यमुनि के अनिमेष चंद्रा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ब्लूमिंग बड्स ग्रामर स्कूल से प्राप्त की और चिल्ड्रन एकेडमी इंटर कॉलेज से हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर से बीएससी और गाजियाबाद से एमबीए किया।
नौकरी के बाद, अनिमेष ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लग गए और 2023 में केट परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद उन्होंने आईआईएफटी की प्रवेश परीक्षा भी पास की और साक्षात्कार के सफल परिणामों के बाद पीएचडी हेतु प्रवेश प्राप्त किया।
अनिमेष की मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस उपलब्धि तक पहुँचाया, जो हर छात्र के लिए प्रेरणा का स्रोत हो सकती है कि कठिन परिश्रम और दृढ़ता से लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनकी सफलता की कहानी हमें यह याद दिलाती है कि शिक्षा और मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।