उत्तराखंड के बहुत से ऐसे युवा होते है जो हमारे देश के लिए मर मिटने तक को तैयार हो जाते है।साथ ही बहुत से ऐसे युवा भी है जो अपनी मेहनत एवं लगन से राज्य का नाम रोशन करते है।आज हम आपको ऐसे ही युवा के बारे में बताने जा रहे है।
यह युवा देहरादून के रहने वाले विंग कमांडर विक्रांत उनियाल है।इन्होंने पहली बार में एवरेस्ट फतह कर वहां देश का तिरंगा एवं वायुसेना का ध्वज फहराया और देश का राष्ट्रीय गीत गाकर केवल अपने राज्य को ही नहीं बल्कि देश को भी गौरवान्वित किया है।
विक्रांत का परिवार मूल रूप से टिहरी गढ़वाल के रहने वाले है जो।इस समय देहरादून के रहते है।बचपन से ही एक उनियाल और उमा उनियाल के बेटे विक्रांत को पहाड़ चढ़ने का शौक था।जब वह सातवीं कक्षा में था तो उसी दौरान उसने NIM द्वारा पर्वतारोहण का कोर्स किया।
उन्होंने राजपुर रोड के सेंट जोसेफ कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की और पहली बार में ही एनडीए का एग्जाम भी क्लियर किया।2018 में वह एयरफोर्स का हिस्सा बन गए।जिसके बाद उन्होंने सियाचिन के एएमआई यानी आर्मी माउंटेनरिंग इंस्टीट्यूट से प्रशिक्षण लिया।इसके बाद वे लद्दाख गए और वहां की जसकांर घाट में ट्रैक किया।
इसके बाद उन्होंने 2021 में अरुणाचल प्रदेश के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनरिंग एंड एलाइड स्पोर्ट्स से प्रशिक्षण किया।इसके बाद उन्होंने एवरेस्ट को अपना लक्ष्य बना लिया।इस लक्ष्य को पूरा करने की शुरुआत उन्होंने 15 अप्रैल को की थी और 21 मई को उन्होंने एवरेस्ट फतह कर अपना लक्ष्य हासिल किया।बताया जा रहा है कि विंग कमांडर विक्रांत जून के पहले हफ्ते में देहरादून पहुचेंगे जहां उनका स्वागत किया जाएगा।