कोरोना के कहर से न केवल देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ी है। बल्कि आम इंसान के रोजगार पर भी इसका बहुत बुरा असर पड़ा है। उत्तराखंड में भी इसका प्रभाव देखने को मिला है। कोरोना के कारण ही कई विभागों के अलग अलग पदों पर भर्तियां नही हो पा रही है। सभी भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करना पड़ रहा है। कोरोना इस तरह से फैल रहा है, कि उत्तराखंड समेत कई राज्यों को स्कूल के बच्चों की बोर्ड को परीक्षाएं भी स्थगित करनी पड़ी।
साथ ही कई अन्य परीक्षाएं जैसे यूजीसी नेट जेआरएफ की परीक्षा और जेईई मेंस की परीक्षा भी स्थगित हो चुकी हैं। कई पदों पर भर्ती प्रक्रिया में रुकावट सभी के लिए बेरोजगारी बन चुका है। युवाओं को अब उम्मीद की कोई किरण नजर ही नहीं आ रही है।जो युवा इन भर्ती परीक्षाओं का इंतजार कर रहे थे,उनका इंतजार और भी लम्बा हो गया है। ऐसे में बहुत से युवा अपना धैर्य भी को रहे है। कोरोना के कारण ही प्रदेश भर में बेरोजगारी छाई हुई है,जो अब एक चिंता का विषय बन गया है।
हाल ही में उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड और कई सरकारी विभागों से 1500 से ज्यादा रिक्त पदों के लिए भर्ती जारी हुई थी।इसमें परीक्षा का समय अप्रैल से जुलाई के बीच का समय तय हुआ था लेकिन कोरोना के चलते इन सभी पदों की भर्ती प्रक्रिया स्थगित कर ली गई हैं। बात करे स्कूल के शिक्षकों की तो एलटी शिक्षकों के पदों के लिए भी परीक्षा 25 अप्रैल को होनी तय हुई थी।लेकिन महामारी के चलते उन्हे भी टाल दिया गया है।इन पदों के लिए करीब 50,000 लोगो ने आवेदन किया था।
सभी विभागों की परीक्षा की तैयारी के लिए युवा करीब डेढ़ साल से मेहनत कर रहे थे।लेकिन सभी के सपने टूटते हुए नजर आ रहे है। सबसे बड़ी चिंता उन युवाओं के लिए है जिनकी यह परीक्षा देने की आखिरी उम्र थी। परीक्षा के लिए ऐज लिमिट को क्रॉस करने के बाद अभियार्थी परीक्षा में नही बैठ सकते। ऐसे में महामारी उन अभ्यर्थियों से परीक्षा में बैठने का उनका अंतिम मौका भी छीन रही है। इस वजह से सभी का धैर्य जवाब दे रहा है,साथ ही सभी की तैयारियों पर बुरा असर पड़ रहा है।