उत्तराखण्ड में आए दिन कुछ ना कुछ घटित होता ही रहता है. आज की घटना सीएसडी कैंटीन की है जहां पर पूर्व सैनिकों के प्रदर्शन करने के बाद उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. जिनमें दो नामजद लोगों समेत 50 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है.
मामला 23अप्रैल का है, जहां पूर्व सैनिकों ने कैंटीन में घुसकर तालाबंदी की और धरना प्रदर्शन किया. जिसमें गौरव सेनानी एसोसिएशन से जुड़े सूबेदार मेजर (रि) मनवर सिंह रौथाण और नायक (रि) महावीर सिंह राणा पूर्व सैनिकों संग एरिया कैंटीन पहुंचे, और उन्होंने वहां पहुंचकर तालाबंदी की जिसमें कई लोग 4 घंटे तक बंधक बने रहे. आरोप इस प्रकार से था कि जवानों के कैंटीन में लिकर समेत अन्य सामान रखने में अनियमितता बरती जा रही है.
बताया जा रहा है कि सुबह 10:00 बजे से लेकर 4 घंटे तक लगातार प्रदर्शन चलता रहा. इसकी तहरीर एरिया इंचार्ज द्वारा दी गई. आरोप लगाया गया है कि पूर्व सैनिकों ने जबरदस्ती घुसते हुए कई लोगों को बंधक बनाया और वहां से सामान लेकर जाने वाले लोगों के साथ भी अभद्रता की और वहां के कर्मचारियों के साथ भी बदतमीजी की गई.
पूर्व सैनिकों ने इस दौरान गाली गलौज भी की. सामान खरीदने वाले लोग भी काफी परेशान हुए और और पंचक बने बनाए गए लोगों में एक गर्भवती महिला भी शामिल थी जिसका की अस्पताल पहुंचकर गर्भपात हो गया. एरिया इंस्पेक्टर नंदकिशोर भट्ट ने बताया कि पूर्व सैनिक मनवर सिंह रौथाण और महावीर सिंह राणा समेत 50 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. और उन पर धारा 447, 342, 504 और 143 लगाई गई है.
23 अप्रैल को सीएसडी में एक्स सर्विसमैन द्वारा रखी गई शिकायतों को उच्च स्तर पर देखा जा रहा है. घटना की जांच जारी है. इस घटना पर जो केस दर्ज हुआ है वह सेना की मानक संचालन प्रक्रियाओं के अनुसार है. सेना पूर्व सैनिकों के कल्याण के हित में है. जल्द ही इस मामले का समाधान भी किया जाएगा.
लोकतंत्र में अपनी समस्याओं पर आवाज उठाना कोई गलत बात नहीं है. लेकिन सरकार ने जो सुविधाएं दी हैं उसमें भेदभाव करना बहुत गलत बात है. कुछ इस तरह की समस्या लेकर पूर्व सैनिक कैंटीन गए थे.मुकदमा दर्ज हो चुका है इसकी जानकारी भी मिल चुकी है. अब पूर्व सैनिक भी बैठक करके अपनी अपनी रणनीति बना रहे हैं.इस मामले पर पूर्व सैनिक भी जल्दी एक्शन लेंगे.
मुकदमा दर्ज हुआ है यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है. कैंटीन का सिस्टम ठीक करने के बजाय उल्टा दबाव बनाया जा रहा है. कैंटीन के अफसरों का भी व्यवहार ठीक नहीं है और अगर मुकदमा दर्ज हुआ तो पूर्व सैनिक भी अपने तरीके से आंदोलन करेंगे.यह मामला पूरे उत्तराखण्ड में तूल पकड़ रहा है.