
शादियां अक्सर बड़े पैमाने पर आयोजित की जाती हैं और इसमें परिवार, दोस्तों और समाज के लोगों की भागीदारी होती है। जब किसी बड़े अधिकारी की शादी होती है, तो यह आयोजन और भी भव्य और आकर्षक होता है, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों के लोग शामिल होते हैं। तो वहीं उत्तराखंड के चमोली जिले के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने अपनी शादी को एक अनोखे और सरल तरीके से मनाया, जिससे उन्होंने एक नई मिसाल पेश की है। बता दे कि डीएम संदीप तिवारी ने अपनी शादी को एक अनोखे और सरल तरीके से मनाया, जिसमें उन्होंने पहले कोर्ट मैरिज की और इसके बाद अपनी पत्नी पूजा डालाकोटी के साथ गोपीनाथ मंदिर जाकर भगवान का आशीर्वाद लिया।
इस पूरे आयोजन में सादगी और गरिमा का अद्वितीय मेल था। संदीप तिवारी और पूजा डालाकोटी ने अपनी शादी को एक शांत और गरिमामय माहौल में मनाया, जिसमें उन्होंने अपने नए जीवन की शुरुआत की। साथ ही इस पर लोगों का कहना है कि संदीप तिवारी और पूजा डालाकोटी की शादी एक सकारात्मक संदेश देती है, जो आजकल की शादियों के दिखावे और खर्चीली परंपराओं से अलग है। उनकी शादी ने दिखाया कि सादगी और गरिमा के साथ भी एक शादी यादगार और अर्थपूर्ण हो सकती है।
बताते चले कि शिमला निवासी संदीप तिवारी ने उत्तराखंड में अपनी प्रशासनिक सेवा के दौरान कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं, जो उनकी काबिलियत और अनुभव को दर्शाते हैं। संदीप तिवारी ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है, जिनमें एसडीएम, नैनीताल के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) और एमडी कुमाऊं मंडल की जिम्मेदारी शामिल है।
साथ ही जिलाधिकारी के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए, संदीप तिवारी ने 28 अप्रैल को डॉ. पूजा डालाकोटी के साथ विवाह किया, जो उनकी व्यक्तिगत और पेशेवर जिंदगी में एक नए अध्याय की शुरुआत है। डॉ. पूजा डालाकोटी के अनुसार, विवाह एक ऐसा बंधन है जो न केवल दो व्यक्तियों को जोड़ता है, बल्कि दो परिवारों और उनकी संस्कृतियों को भी एक साथ लाता है।
डॉ. पूजा डालाकोटी और संदीप तिवारी की शादी ने दिखाया कि सच्चा प्यार और समर्पण ही विवाह की सच्ची नींव होते हैं, न कि भव्य आयोजन। जिसमें हिमाचल की पारंपरिक विवाह रीति-रिवाजों के अनुसार, संदीप तिवारी और डॉ. पूजा डालाकोटी ने मंदिर में विवाह करने का निर्णय लिया, जो एक पवित्र और पारंपरिक समारोह था।