
पहाड़ी बच्चे बिना किसी सुख-सुविधाओं के भी बड़ी-बड़ी ऊंचाइयों को छूते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसी ही एक खबर उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर के दूरस्थ गांव खुल्दोड़ी सामने आ रही है. जहां की रहने वाली सुमन खेतवाल का चयन महाराष्ट्र न्यायिक प्रणाली में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट एवं सिविल जज (जूनियर डिवीजन) पद पर हुआ है. सुमन ने इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करके यहां साबित कर दिया है कि अगर पूरी मेहनत से कोशिश की जाए तो कामयाबी आप से भी ज्यादा दिन दूर नहीं रह सकती है.
जज बनने के बाद जब सुमन अपने गांव पहुंची तो गांव के सभी लोग भावुक हो गए और सुमन का ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया गया. सुमन ने अपनी प्राथमिक शिक्षा गांव के स्कूल से प्राप्त करने के बाद राबाइंका बागेश्वर से इंटर पास किया. जिसके बाद वहां अपनी आगे की पढ़ाई के लिए महाराष्ट्र चली गई. महाराष्ट्र में सुमन ने कानून की पढ़ाई की और बतौर अधिवक्ता पुणे की जिला कोर्ट में प्रैक्टिस भी शुरू कर दी.
इस दौरान सुमन ने ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की प्री परीक्षा भी दी मगर मगर सुमन को कामयाबी हासिल नहीं हुई. जिसके बाद सुमन ने निराश होने की बजाए एक और बार प्रयास किया और डिशियल मजिस्ट्रेट की प्री, मेन्स परीक्षा में सफलता हासिल कर ली. सुमन को महाराष्ट्र राज्य में ही जून के महीने में बतौर जज नियुक्ति मिलेगी.
सुमन ने जब इंटर पास कर लिया तो वहां आगे की पढ़ाई के लिए शहर जाना चाहती थी. मगर सुमन की दादी सुमन की शादी करा देना चाहती थी. जिसके बाद सुमन ने अपनी दादी से कहा कि शादी में आने वाला खर्चा वहां उनकी पढ़ाई के लिए खर्च करें ताकि आगे चलकर कामयाब होकर वह अपनी शादी का खर्च खुद उठा सकेगी.
सुमन कहां खुद पर इतना भरोसा देखकर परिवार ने सुमन को पढ़ाई के लिए शहर जाने की अनुमति दे दी. जिसके बाद आज सुमन ने कामयाब होकर अपनी बोली हुई बातों को साबित करके दिखा दिया. सुमन ने अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपनी माता दीपा देवी और पिता गुमान सिंह खेतवाल को दिया है.