अक्सर सरकारी स्कूलों से लापरवाही की खबरें सामने आती रहती है। लेकिन इस बार की लापरवाही कुछ अलग ही है। राजकीय स्कूलों में हर 10 साल में शिक्षकों के लिये प्रोमोशन के लिये रिपोर्ट मांगी जाती है। लेकिन इस बार लिस्ट में कुछ दिवंगतों के नाम भी शामिल थे। अधिकारियों ने कहा है इस सूची को जल्द ही अपडेट की जायेगी।
दरअसल शिक्षा निदेशक एलटी प्रवक्ताओं की प्राइवेट रिपोर्ट मांगी। रिपोर्ट के आधार पर राजकीय हइस्कूलों में शिक्षकों को प्रिंसिपल के पद पर नियुक्त किया जाता है। लेकिन इस बार रिपोर्ट बनाने में गड़बड़ी हो गयी। रिपोर्ट बिना अपडेट किये भेज दी गयी। रिपोर्ट में इस गड़बड़ के कारण सूची में कुछ ऐसे नाम भी है जो पहले से ही प्रधानाचार्य के पद पर है। साथ साथ कुछ ऐसे भी लोगों का नाम है जो प्रधानाचार्य के पद से या तो रिटायर हो गए हैं या कुछ की मृत्यु भी हो गयी है।
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लिस्ट में लापरवाही के कारण उन सभी यंग शिक्षकों पर अन्याय हुआ है जिनका नाम लिस्ट में आया ही नहीं। मामले की गंभीरता को समझते हुए शिक्षा अधिकारी हर्ष बहादुर चंद्र ने कहा है कि जल्द ही सूची को अपडेट कर दिया जायेगा।