प्यार कि ये कहानी देहरादून के 21 वर्षीय दिव्यांशु बत्रा की है। जहां दिवांशु ने देहरादून में एक कैफे खोला है जिसका नाम ‘दिल टूटा आशिक’ है। उनका कहना है कि उन्होंने लॉकडॉउन में अपने प्यार से धोका खाया और फिर उन्होंने खुद को संभालते हुए उन्होंने ये कैफे खोला।
ये प्यार हाई स्कूल वाला था
दिव्यांशु ने बताया कि लॉकडॉउन के दौरान उसका ब्रेकअप हो गया था और उनका ये प्यार हाई स्कूल वाला प्यार था। उनका कहना है कि वो 6 महीने तक डिप्रेशन में थे और अपना पूरा समय सिर्फ पबजी खेलने में बिताते थे। फिर एक दिन दिव्यांशु ने सोचा कि वो अब ऐसे ही नहीं जिएंगे अपने और अपने परिवार के लिए कुछ करके दिखाएंगे और खुद भी आगे बढ़ेंगे। फिर दिव्यांशु ने कैफे खोलना का फैसला लिया, दिव्यांशु ने ये कैफे जीएमएस रोड पर खोला है।
दिव्यांशु का कहना है कि उनके पिता कैफे के नाम दिल टूटा आशिक चाई वाला से खुश नहीं थे लेकिन उनकी मां ने इसमें उनका साथ दिया। दिव्यांशु का कहना है कि, एक दिन उनके दोस्त जो कि मेरे इस कैफे को नहीं जानते थे उन्होंने वहां के कैफे और खाने कि तारीफ की तो तब जाके दिव्यांशु के पिता को भरोसा हुआ कि उनका बेटा कुछ अच्छा काम कर रहा है।
जब कैफे खुलने के बारे में दिव्यांशु को पूछा गया तो उसने कहा कि मै चाहता था कि लोग मेरे कैफे में आएं और अपनी ब्रेकअप की कहानी शेयर करें। ताकि मैं उस दुख से उनको बाहर निकालने की कोशिश करूं और वह ज़िन्दगी में आगे बढ़ सकें । और अब लोग कैफे के नाम को देखकर आ रहे हैं और अपनी ब्रेकअप की कहानी भी मेरे साथ शेयर कर रहे हैं। दिव्यांशु अपने छोटे भाई राहुल के साथ फिलहाल ये कैफे चला रहे है। और ये काफी अच्छी बात है कि अब दिव्यांशु अपनी ज़िन्दगी में आगे बढ़ गए हैं।