देहरादून में हम अक्सर देखते हैं की, बहुत से चौक में छोटे बच्चे भीख मांगा करते हैं। और कहीं जगह तो महिलाएं भी अपने छोटे बच्चों को गोद में लेकर भीख मांगा करती हैं। आपको बता दें की, खबर है की इस मामले में देहरादून के डीएम ने कड़े एक्शन लेने को कहा गया है। आपको बता दें की डीएम का कहना है की,महिलाओं की गोद में रखे बच्चे की उम्र कई समय से एक जैसी ही नजर आती है। वहीं इस पर जिलाधिकारी का कहना है की, कहीं ये सब सोच समझकर साजिश तो नहीं है।
बताया जा रहा है की इस तरह के मामले में डीएम द्वारा निर्देश दिए गए हैं की, इस मामले में मां और बच्चे का डीएनए टेस्ट कराया जाए। और डीएनए टेस्ट के बाद अगर यदि बच्चा किसी और का पाया जाता है तो फिर उस महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जायेगी।
राज्य में सभी बच्चों को भिक्षावृत्ति से दूर रखने के लिए , उत्तराखंड पुलिस भिक्षा नहीं शिक्षा दो, ऑपरेशन मुक्ति अभियान चलाए हैं।तो वहीं दूसरी ओर दून के डीएम डॉक्टर आशीष श्रीवास्तव ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक लि और बैठक में डीएम ने कहा की,18 साल के कम उम्र वाले बच्चों को भिक्षावृत्ति और सड़क पर सामान बिकवाने के मामलों पर कड़ी नजर रखी जायेगी। उन्होंने विभिन्न संगठनों को बच्चों के कल्याण के संबंधित निर्देश दिए हैं। डीएम ने कहा है की, जिन बच्चों को रेस्क्यू किया जाएगा यदि अगर उनके मां बाप नही है तो उन बच्चों को बाल सुधार गृह में उनकी अच्छी देखभाल हो।
वहीं इसके साथ साथ डीएम ने निर्देश दिए हैं की,बालश्रम की रोकथाम के लिए समय पर बैठक की जाए। इस बैठक में पुलिस अधीक्षक प्रकाश चंद्र, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर अनूप कुमार डिमरी,जिला समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पांडे आदि उपस्थित रहे।