
कभी कभी हम चमत्कारों के बारे में सुनते है लेकिन बहुत समय चमत्कार की बजाय लापरवाही होती है। ऐसे ही लापरवाही की खबर उत्तराखंड के डोईवाला से आ रही है।यहां के एक अस्पताल में एक ग्रामीण को भर्ती करवाया था।जहां डॉक्टरों द्वारा उसे मृत घोषित कर उसे परिजनों को सौंप दिया।जब परिजनो द्वारा अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही थी तो उन्होंने देखा कि व्यक्ति की सांसें चलने लगी है,जिसके बाद व्यक्ति को दोबारा से अस्पताल में भर्ती कराया गया।
यह घटना खानपुर क्षेत्र के कर्णपुर गांव के निवासी अजब सिंह (60 वर्षीय) की अचानक ही तबियत खराब हुई।उनके परिजन उन्हे डोईवाला के एक अस्पताल में ले गए।डॉक्टरों द्वारा ब्लड प्रेशर काफी लो बताया गया और उन्हें उपचार के दौरान वेंटिलेटर में रखा गया।लेकिन चार दिन तक उनकी तबीयत में सुधार नहीं था।
वहीं परिजनों ने बताया कि बीते दिन ही डॉक्टर ने उनको मृत घोषित कर वेंटिलेटर से हटा दिया और परिजनों को सौंप दिया। परिजन भी उनको वापस लेकर आए और उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां करने लगे।
इसी दौरान जब उन्हें नहलाया जा रहा था तो सब लोग उनकी सांसे चलने पर हैरान हुए।जिसके बाद उन्हें परिजनो द्वारा जल्दी में अस्पताल ले गए।इस समय लक्सर के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।परिजनो का कहना है कि वह अस्पताल के इस मामले की शिकायत करेंगे।