पठानकोट की बेटी पल्लवी ने अपने माता-पिता और पूरे जिले का नाम रोशन किया है। एक किसान की बेटी होने के नाते, पल्लवी ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट का पद हासिल कर दिखाया है कि गरीब घर की बेटी भी अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से बड़े-बड़े मुकाम हासिल कर सकती है।
पल्लवी की इस उपलब्धि पर उनके गांव गुलपुर सिंबली में जश्न का माहौल है। गांव वालों ने पल्लवी के घर पर बधाई देने का तांता लगा दिया है। पल्लवी ने बताया कि उनके परिवार ने उनकी इस सफलता में अहम भूमिका निभाई है और उनके माता-पिता ने हमेशा उनकी प्रार्थना की है कि वह अपने जीवन में कुछ बड़ा करे।
पठानकोट की लेफ्टिनेंट पल्लवी ने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से एक नए मुकाम को हासिल किया है। उन्होंने पठानकोट से 12वीं की पढ़ाई की, चंडीगढ़ से ग्रेजुएशन किया और कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (सीडीएस) परीक्षा में पूरे देश में छठा स्थान हासिल किया।
11 महीने की ट्रेनिंग के बाद, पल्लवी ने 7 सितंबर को पास आउट होकर अपने सपनों को पूरा किया। उन्होंने कहा कि संघर्ष का सफर अच्छा रहा है और अगर आप किसी चीज को पाने के लिए मेहनत करते हैं, तो वह जरूर मिलती है। पल्लवी ने अपने परिवार को श्रेय दिया और कहा कि पिछड़े गांव से आने के कारण यहां तक पहुंचना संघर्षपूर्ण रहा, लेकिन यह उपलब्धि पूरे समाज की है।
पल्लवी के भाई साहिल सिंह ने उनकी उपलब्धि पर गर्व जताया और कहा कि उनकी बहन बचपन से ही मेहनती और प्रतिभाशाली थी। साहिल ने बताया कि पल्लवी ने स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और जीत हासिल की।
साहिल ने कहा कि पल्लवी की मेहनत और दृढ़ संकल्प ने ही उन्हें आज लेफ्टिनेंट का पद हासिल करने में मदद की है। उन्होंने कहा कि पल्लवी की सफलता ने न केवल परिवार को गर्व से भर दिया है, बल्कि पूरे समाज को भी प्रेरित किया है कि मेहनत और प्रतिभा से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
पल्लवी के पिता रविंद्र सिंह ने अपनी बेटी की सफलता पर गर्व जताते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाने का सपना देखा था। उन्होंने पल्लवी को अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ाया और 12वीं पास करने के बाद, वह ग्रेजुएशन के लिए आर्मी एकेडमी चली गई।
रविंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें अपनी बेटी को पढ़ाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा, लेकिन उनका एकमात्र लक्ष्य अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाना और बड़ा आदमी बनाना था। उन्होंने कहा कि उनके दो बच्चे हैं, बेटा पांच साल से भारतीय नौसेना में काम कर रहा है और अब बेटी पल्लवी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है।