उत्तराखंड: बच्चे को बचाने के लिए तेंदुए से जा भिड़ा पिता, मौत के मुंह से वापस ले आया बेटे को

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Father fought with leopard to save child in Uttarakhand
Father fought with leopard to save child in Uttarakhand (Image Credit: Social Media)

बच्चे वास्तव में अपने माता-पिता की आंखों का तारा होते हैं, जैसा कि कहा जाता है।बच्चों के मामूली खरोंच आने पर ही माता-पिता की आंखों में आंसू आने लगते हैं ; इस कारण से, माता -पिता कभी- कभी अपने बच्चों के जीवन को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल सकते हैं।

ऐसी ही एक कहानी इस समय राज्य के अल्मोड़ा इलाके से सुर्खियां बटोर रही है, जहां घर के आंगन में मुर्गी इकट्ठा करते समय एक आदमखोर तेंदुए ने एक 14 वर्षीय लड़के पर अप्रत्याशित रूप से हमला किया था। बता दें कि 14 वर्षीय बालक का नाम किशोर था।

घायल किशोर के पिता ने उसकी चीख पुकार सुनी तो वह दौड़कर मौके पर पहुंचा , लेकिन जैसे ही उसने अपने बेटे को बचाने की कोशिश की, तेंदुए ने उस पर भी हमला कर दिया .जिस पर तेंदुआ और वह लड़ पड़े।

वह भाग्यशाली थे कि स्थानीय लोगों को क्षेत्र में आते देख तेंदुआ जंगल की ओर भाग गया ; नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। लेकिन एक बार फिर एक पिता ने अपने बेटे को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी।इस त्रासदी ने पूरे गांव में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है, फिर भी निवासी किशोर के पिता की ताकत और करुणा के लिए उनकी प्रशंसा कर रहे हैं ।

सम्पूर्ण मामला इस प्रकार है कि राज्य के अल्मोड़ा जिले के लमगड़ा प्रखंड के रणौ गांव के पूर्व निवासी पान सिंह का 14 वर्षीय पुत्र आनंद सिंह बगड़वाल में अपने घर के आंगन में एक पालतू मुर्गे को लेने के लिए जा रहा था बता दें कि उस समय एक आदमखोर तेंदुआ वहां घात लगाए बैठा हुआ था जिसके बाद तेंदुए ने बच्चे पर हमला कर दिया तेंदुए के हमले में आनंद को गंभीर चोटें आई हैं।

तेंदुए के सिर से उसके हाथ और पीठ पर पंजे के निशान थे ।आनंद की चीख – पुकार सुनकर जैसे ही उसके पिता पान सिंह उसे बचाने पहुंचे , तेंदुए ने आनंद पर भी झपट्टा मार दिया ।

मौके पर अन्य ग्रामीणों के पहुंचने व चीख – पुकार सुनकर तेंदुआ जंगल की ओर भाग गया। घायल पिता और बच्चे को फिर सीएचसी लमग्रादा असपताल ले जाया गया , हालांकि , सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे अल्मोड़ा के सिविल सोयान वन प्रभाग के डीएफओ ध्रुव सिंह मार्तोलिया ने घोषणा की कि तेंदुए के हमले में घायल प्रत्येक पिता और बच्चे को 15,000 रुपये का मुआवजा मिलेगा।

जिसके लिए शुरुआती 5,000 रुपयों की राशि उपलब्ध कराई गई है ।इस घटना से डरे हुए निवासियों ने अनुरोध किया है कि वन प्राधिकरण या तो तेंदुए को मार डालें या गांव के पास पिंजरा लगाएं ।

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