पिछले साल लॉकडाउन के कारण 7 साल के बच्चे का ऑपरेशन टला, बाद में पता चला उसे दिल की 3 बीमारियां है, जानिये फिर क्या हुआ

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Hole in heart and blood clot in lungs aiims doctor successfully saved child life

Uttarakhand News: एक 7 साल के बच्चे को ऐम्स के डॉक्टरों ने जीवनदान दिया। बालक हरिद्वार के रुड़की का निवासी है और उसे दिल से संबंधित 3 जटिल बीमारियां थी। डॉक्टरों ने बालक की सफलतापूर्वक सर्जरी कर उसे एक नया जीवन दान दिया है। ऐम्स के डायरेक्टर पद्मश्री रवि कांत ने कहा कि ऑपेरशन को सफल करने में कॉर्डियक सर्जन डाॅ. अनीश गुप्ता और उनकी टीम का बड़ा योगदान है। उन्होंने यह भी बताया कि बालक को टैट्रालोजी ऑफ फैलोट, पल्मोनरी एम्बोलिजम और सिंगल कोरोनरी नामक बीमारी थी। यह आपरेशन काफी जटिल था और डॉक्टरों ने इसे सफलतापूर्वक पूरा किया।

बच्चे को बचपन से ही दिल की गंभीर समस्या थी लेकिन पिछले कुछ सालों से उसकी सांस फूलनी भी शुरू हो गयी थी। इसके बाद बच्चे के परिजन उसे ऋषिकेश के ऐम्स अस्पताल में ले गये। वहां बालक का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ जिसमें पता चला कि उसे दिल की 3 बीमारियाँ है। पहला दिल में छेद, दूसरा पल्मोनरी वाल्व में रुकावट और तीसरा हृदय को रक्त पहुंचाने वाली कोरोनरी आरटरी यानी नस केवल एक ही थी। आमतौर पर यह नस 2 होती है। सीटीवीएस विभाग के डॉक्टरों ने बच्चे के परिजनों को उसके सर्जरी की सलाह दी। लेकिन लॉकडाउन के कारण उस समय बालक का ऑपेरशन टल गया।

इसके बाद बालक को लगातार बुखार आने लगा। एक और बार जांच कराने पर पता चला कि उसके फेफड़ो की नसों में खून के धक्के बन गये। अब आपरेशन जरूरी हो गया था। कॉर्डियक सर्जन डाॅ. अनीश गुप्ता ने अपनी टीम के साथ मिलकर यह मुश्किल आपरेशन पूरा किया जिसके लिए ऐम्स डायरेक्टर ने भी उनकी सराहना की।

डॉक्टरों ने पहले बच्चे के दिल के छेद को बंद किया। उसके बाद फेफड़ो में जमा खून के थक्कों को भी निकाला। आखिर में उन्होंने उसके पल्मोनरी वाल्व को भी सुरक्षित रखा। अगर डॉक्टर पल्मोनरी वाल्व को सुरक्षित रखने में कामयाब नहीं हो पाते तो आने वाले समय में बालक को कई और ऑपेरशन करवाने पड़ते। आखिरकार डॉक्टर ऑपेरशन को सफल करने में कामयाब रहे। अब बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है और उसे अस्पताल से डिसचार्ज कर दिया गया है।

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