गढ़वाल में कानून होने के बावजूद भी महिला उत्पीड़न का शिकार हो रही है। वहीं महिला उत्पीड़न के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। उत्तराखंड में पहली ऐसी घटना देखने को नहीं मिलती थी लेकिन, अब उत्तराखंड भी एसी घटनाएं हो रही है। ये मामला उत्तराखंड पौड़ी गढ़वाल जिले के पोखडा ब्लॉक के भटकल गांव का है जहां, अंजू देवी के साथ उत्पीड़न का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, अंजू देवी की शादी 10 साल पहले मटकल गांव के बालकृष्ण के साथ हुई थी।
उनकी शादी के दो साल तक सब ठीक था, लेकिन उसके बाद उनके पति बालकृष्ण शराब पीने लगे। बालकृष्ण का ज्यादा शराब पीने की वजह से उनके घर में हर रोज झगड़े शुरू हो गए। उसके बाद धीरे – धीरे आपसी झगड़े ने मारपीट भी शुरू हो गई। अंजू हर रोज अपने शराबी पति की मार सहती रही। उसके बाद उसके दो बच्चे हुए, घर में बच्चों के आने के बाद भी, बालकिशन की शराब पीने और मारपीट करने की आदत नही गई। वो उसे तब भी मारता पीटता था।
बताया जा रहा है की, 28 मार्च से अंजू का पति बालकिशन उसे हर दिन उसे पीट रहा है। उसके बाद उसने राजस्व पुलिस उप निरीक्षक से संपर्क किया तो, वहां पर कानून भी मौजूद थे। जानकारी के मुताबिक आरोप है कि, कानूनग ने छूटते ही महिला को कहा कि, पति ने ही तो मारा ,आखिर वो पति है तुम्हारा। कानूनग ने महिला का साथ न देकर उसके पति की ही बड़ाई की। उसके बाद जब अंजू को मदद नही मिली तो, उसने सामाजिक कार्यकर्ता शैलेंद्र भारतीय से संपर्क किया।
अब देखते हैं, की सामाजिक कार्यकर्ता शैलेंद्र भारतीय की ओर से अंजू को इंसाफ मिलता है या नही। समाज में जब किसी के ऊपर भी अत्याचार होता है तो बहुत दुख होता है, वहीं जब अंजू कानूनगो के पास गई तो उन्होंने जरा भी उसका दर्द नही देखा, बल्कि उसे ये तक कह दिया की, आखिर वो तुम्हारा पति है। पति है तो, मारपीट का उसे हक तो नही दिया है कैसी ने, लेकिन जिस पर बीत रही है वो अंजू ही जानती है अपना दर्द। अंजू को जल्दी इंसाफ मिले।