Uttarakhand News: राज्य के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कोटि कॉलोनी, टेहरी में वाटर स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर इंस्टीट्यूट का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का कहना है की, पिछले 6 सालों से आईटीबीपी के जवान देश की सीमाओं की सुरक्षा में जुटे हैं। चाहे कैसी भी परिस्थिति रही हो आईटीबीपी के जवानों ने हमेशा हमेशा अपनी जान की परवाह न करते हुए उच्च स्तर पर राहत और बचाव का काम किया है।
और इसका सबसे बड़ा उदाहरण आपदाओं में देखने को मिलता है।उसके बाद मुख्यमंत्री का कहना था की, राज्य सरकार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। और इसके मद्देनजर रखते ही, टिहरी झील श्रेत्र में वाटर स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर इंस्टीट्यूट बनाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री का कहना है की, साहसिक खेलों के लंबे गौरवशील इतिहास और अनुभव को देखते हुए इस संस्थान के संचालन और प्रबंधन का कार्य आईटीबीपी को सौंपने का निर्णय लिया गया है।
यहां पैराग्लाइडिंग, पैरा मोटर, स्कूबा डाइविंग,हॉट एयर बैलून,कयाक्किंग, हाई रोप कोर्स,जुमारिंग,रैंपलिंग,और ऑल टेरेन बाइक सहित कई खेलों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री के कहा की, पर्यटन के विकास के लिए समय समय पर सरकार द्वारा भीमताल,सतपुली, अल्मोड़ा, टिहरी आदि स्थानो पर समय पर विभिन्न सहासिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता रहा है।
टिहरी में पलायन को रोकने के लिए पर्यटन का ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। टेहरी झील इंटरनेशनल डेस्टिनेशन के रूप में विकसित की जा रही है। वहीं इस पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा की, वाटर स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर इंस्टीट्यूट के रूप में आज देश में खेल के श्रेत्र में नया अध्याय जुड़ा हुआ है।
वाटर स्पोर्ट्स में हमारा देश ओलंपिक, एशियन गेम्स,कॉमनवेल्थ आदि में विशेष में ज्यादा उपलद्भि हासिल नहीं कर पाया है। इस दिशा में केंद्र सरकार द्वारा ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा की हमारे देश में खिलाड़ियों को कमी नही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और बेहतर करने की प्रयास किया जा रहा है साथ ही सुविधाओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
और आगे उन्होंने कहा की, आईटीबीओ को 20 साल के लिए यह संस्थान संचालित करने के लिए प्रदान करने निर्णय से इस संस्थान से देश का प्रतिनिधित्व करते हुए अनेक खिलाड़ी निकलेंगे। औली में स्नो स्पोर्ट्स के विकास के लिए भी केंद्र सरकार ने धनराशि दी है, ताकि वहां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण सेंटर विकसित हो। देश में खेलो के विकास के लिए कोई भी सहायता चाहिए, वह प्रदान करेंगे।