उत्तराखंड के पौड़ी, देवप्रयाग, टिहरी,मलेथा,श्रीनगर व बहुत सी जगहों पर गुलदार के हमले लगातार सामने आ रहे हैं। कभी गुलदार ट्यूशन जाते बच्चों पर हमला कर देता है तो कभी सोते हुए लोगों पर जानलेवा हमला कर देता कभी ग्रामीण क्षेत्रो में लोगों की रोज़ी रोटी का एक सहारा मवेशियों को ही मौत के घाट उतार देता बीते दिनों कई घटनाएँ गुलदार से जुड़ी सामने आ गयी हैं। ऐसी स्तिथि में न जाने प्रसाशन किस बात का इंतज़ार कर रहा लगातार लापरवाही दिखा रहा आज जंगली जानवरों का आतंक इतना बढ़ गया है न तो यह ग्रामीणों को खेती के अनाज का लाभ मिलने देते हैं। न ही चैन का जीवन देते हैं जहां कुछ साल पहले ग्रामीण लोगों द्वारा रात के समय में जंगल की ओर खेतों में काम होता था। वहीं आज जंगली जानवरों ने दिन में ही ग्रामीणों के अंदर दहसत का माहौल उत्पन्न कर के रखा है। ताज़ा मामला पौड़ी गढ़वाल के तुगड़ी गांव का है जहां आदमखोर बन चुके गुलदार ने रात्रि के समय महिला पर जानलेवा हमला कर दिया।
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हालांकि गुलदार के हमले के दैरान महिला चीख चिल्ला गई तथा ग्रामीण वहां एक जुट हो गए जिसके बाद बड़ी मेहनत के साथ गुलदार को भगाया गया तब जाकर महिला की जान बची नहीं तो गुलदार महिला की मृत्यु का कारण बन जाता। बता दें गुलदार ने महिला के सिर पर गाढ़े घाव किये थे जिसके तुरन्त बाद ग्रामीणों ने महिला को अस्पताल पहुंचा दिया। मलेथा स्तिथ तुगड़ी गांव में गुलदार हमले की यह दूसरी घटना है। इससे पहले बीते 7 अगस्त को गुलदार ने दुर्गा देवी को घर से ही घसीट लिया था और जंगल की ओर ले गया लेकिन गांव वाले जब मदद करने पहुंचे तब तक गुलदार ने महिला का शिकार कर लिया था। जंगल में दुर्गा देवी की लाश मिली थी। अगर थोड़ा अन्य घटनाओं पर नज़र डालें तो 15 अगस्त को दोपहर में गुलदार ने लोगों के ऊपर हमला कर दिया। इतना ही नहीं रुद्रप्रयाग में ट्यूशन जा रहे बच्चों पर गुलदार ने झपट्टा मारा। गुलदार के आतंक से परेशान हो चुके लोग अब प्रसाशन से गुलदार को पकड़ने या मारने की गुहार लगा रहे हैं।
गुलदार को धर दबोचने के लिये 3 पिंजड़े तथा 5 शूटर वन विभाग की टीम ने जंगल में तैनात किये हैं लेकिन अभी तक गुलदार पर उचित कार्यवाही नहीं हो पाई है।
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