बीते दिनों उत्तराखंड के कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस लिए गए। बीते रात भी लगभग 12:30 बजे चमोली, पौड़ी और इलदेहरादून में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई है। जमीन के अंदर हलचल मचने से कभी कुमाऊं तो कभी गढ़वाल में भूकंप के झतके आए दिन महसूस लिए जा रहे हैं। हालांकि कम तीव्रता वाले भूकंप से नुकसान तो कुछ नहीं हुआ है। लेकिन वैज्ञानिकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि उत्तराखंड में एक बड़ा भूकंप कभी भी आ सकता है।
भूगर्भीय तनाव के कारण राज्य के धारचूला क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियां देखने को मिली है। वी फ्र रों नीइसकी वजह से भविष्य में इस इलाके में एक बड़ा और जोरदार भूकंप आने की संभावना है। वैज्ञानिक देवजीत हजारिका का कहना है कि इस इलाके में पिछले 500 सालों में कभी भी 8 तीव्रता से अधिक का भूकंप नहीं आया है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से यहां माध्यम और तीव्र भूकंप के झटके महसूस लिए गए हैं।
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों ने बताया कि काली नदी घाटी के किनारे उन्होंने पृत्वी विज्ञान मंत्रालय के साथ मिलकर एक भूकंपीय नेटवर्क की स्थापना को है। इस नेटवर्क में 15 ब्रॉडबैंड भूकंपीय स्टेशन है। इस भूकंपीय नेटवर्क की मदद से भूकंपों की जांच की जाती है। इसकी मदद से वैज्ञानिकों ने बताया कि इस क्षेत्र में भूगर्भीय तनाव बढ़ रहा है। इसके कारण भविष्य में एक महाभूकंप आने की संभावना बन गई है।
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