उत्तराखंड के उद्यम सिंह नगर के रहने वाले एक हिंदू युवक ने बरेली की रहने वाली एक अन्य समुदाय की लड़की से शादी कर ली है, आपको बता दे युवती ने पहले सनातन धर्म को अपनाया उसके बाद हिन्दू रीति रिवाज से शादी करी है। दोनों ने शादी करने के लिए उत्तराखंड से बरेली का रुख किया। अलीजा ने सनातन धर्म अपनाया और अपने प्रेमी राजेंद्र के साथ विवाह बंधन में बंध गई।
युवती ने सनातन धर्म अपनाने के बाद अपना नाम भी बदल लिया है और अब अपना नाम मनीषा रख लिया है। दोनों ने सात फेरे लेकर अपने प्यार को नया नाम दिया। दोनों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ शादी की और पंडित से आशीर्वाद प्राप्त किया। मनीषा ने कहा कि उसने अपनी मर्जी से और बिना किसी दबाव के राजेंद्र से शादी की है। सुभाषनगर स्थित अगस्त्य मुनि आश्रम के पंडित केके शंखधार ने ऊधम सिंह नगर के लालपुर गांव के राजेंद्र और अलीजा का विवाह संस्कार सम्पन्न कराया।
दोनों ने बताया कि एक ही गांव में रहने के कारण उनकी पहले दोस्ती हुई, जो बाद में प्रेम में बदल गई। जब उन्होंने शादी करने का फैसला किया, तो उनके अलग-अलग धर्म एक बड़ी चुनौती बन गए। जब अलीजा के परिवार को इस बारे में पता चला, तो वे उसके खिलाफ हो गए और घर में मारपीट की। इसके बाद अलीजा ने राजेंद्र के साथ घर छोड़ दिया और उत्तराखंड से यूपी में आकर शरण ली।
अलीजा ने बरेली के अगस्त्य मुनि आश्रम में राजेंद्र के साथ विवाह किया और सनातन धर्म अपनाकर अपना नाम मनीषा रख लिया। पंडित केके शंखधार ने वैदिक मंत्रों के साथ वैदिक रीति-रिवाजों से उनकी शादी सम्पन्न कराई। अलीजा ने कहा कि वह और राजेंद्र दोनों बालिग हैं और अपनी मर्जी से शादी कर सकते हैं। लेकिन परिवार ने इसे स्वीकार नहीं किया, जिसके कारण उन्हें घर छोड़ना पड़ा और शादी करने का निर्णय लेना पड़ा।