“कौन कहता है के आसमा में सुराख नही हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो” दुष्यंत कुमार जी के इस शेर की पंक्तियों को हुबहू साकार कर दिखाया मोहित ने जिन्होंने मात्र 300 रूपयो की कबाड़ से ली साइकिल से राज्य स्तरीय साइकिलिंग स्पर्धा में पदक अपने नाम किया।
आपकी जानकारी के लिए बता दे की अविश्वसनीय सी मालूम होने वाली इस खबर के पीछे कक्षा 11 के छात्र मोहित साहू की मेहनत, लगन और अटल विश्वास उनकी जीत की इस कहानी की सच्चाई बयां करता हैं। नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर के वनभूलपुरा क्षेत्र के रहने वाले मोहित साहू को जब स्टेडियम बंद होने पर गार्ड से बाईपास पर होने वाली साइकिलिंग स्पर्धा के बारे में पता चला तब उन्होंने मात्र 300 रुपए में कबाड़ से खरीदी अपनी पुरानी साइकिल को खुद से मरमत कर जरूरी बदलाव किए और पहुंच गए राज्य स्तरीय साइकिलिंग स्पर्धा में।
पुरानी साइकिल होने के बावजूद मोहित साहू का अटल विश्वास और आत्मविश्वास बिलकुल नहीं डगमगाया और महंगी साइकिल व उपकरण वाले अन्य प्रतिभागियों को पीछे छोड़ कांस्य पदक अपने नाम किया। साइकिलिंग एसोसिएशन ने भी मोहित की मेहनत देख मदद का वादा किया तथा एक अच्छी साइकिल स्पॉन्सर करने की वादा भी किया है।