उत्तराखंड: सामान्य प्रसव पीड़ा होने पर घर से स्वस्थ अस्पताल आई थी देविका राणा, जच्चा-बच्चा दोनो की मौत

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Mother and child both died while going to hospital in Tehri Garhwal.
Mother and child both died while going to hospital in Tehri Garhwal. (Image Source: Social Media)

उत्तराखंड राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में एक बार फिर से स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही का एक और मामला देखने को मिल रहा है. यह मामला उत्तराखंड राज्य के टिहरी जिले के प्रताप नगर प्रखंड के पट्टी भदुरा के रोणीया ओनाल गांव  का है. जहां एक 28 साल की महिला देविका देवी पत्नी जगमोहन सिंह राणा सामान्य प्रसव पीड़ा होने की वजह से घर से चलकर सड़क पर आई और गाड़ी में बैठकर लमगांव चौड़ अस्पताल पहुंच गई.

इसके बाद परिजनों के अनुसार चिकित्सकों के द्वारा उनका प्राथमिक परीक्षण किया गया और उन्हें वहीं रुकने को कहा गया और साथ ही यह भी कहा कि जल्द ही उनका प्रसव हो जाएगा. इसके बाद लगभग 4:30 घंटे बीतने के बाद जब महिला को ज्यादा दर्द होने लगा तो अस्पताल से उन्हें यह कह कर रेफर कर दिया गया कि बच्चे की दिल की धड़कन बहुत ही ज्यादा काम चल रही है और जल्दी बाजी में महिला को हेयर सेंट्रल रेफर कर दिया.

इसके बाद परिजनों ने देविका को एंबुलेंस के माध्यम से जिला चिकित्सालय नई टिहरी  लाया जा रहा था. मगर आधे घंटे का ही सफर पूरा हुआ था कि चांटी गांव के पास जच्चा बच्चा दोनों ने दम तोड़ दिया. उसके बाद उन्हें जिला चिकित्सालय बोराडी लाया गया. देविका का यहां पहले प्रसाद नहीं था उससे पहले भी उनकी दो बेटियां है. जिसमें से एक बेटी 7 साल की और दूसरी 5 साल की है और यह दोनों ही सामान्य प्रसव के द्वारा पैदा हुई है.

यह घटना पूरी तरीके से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा की गई लापरवाही का नतीजा है. जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष राकेश राणा ने जिलाधिकारी टिहरी श्री मयूर दीक्षित जी से दूरभाष पर बात कर मामले की गंभीरता को समझते हुए उक्त प्रकरण की मजिस्ट्रियल जांच करने का अनुरोध किया है और साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि इस मामले की वीडियोग्राफी के साथ तीन सदस्यीय डॉक्टरों की कमेटी से पोस्टमार्टम कराया जाए.ताकि सारी सच्चाई सभी के सामने आ सके और इस घटना के लिए दोषी हर एक व्यक्ति को सजा मिल पाए.

इसके बाद उन्होंने राज्य सरकार पर बहुत ही ज्यादा गंभीर आरोप लगाते हुए यह कहा कि पूरे क्षेत्र में सिर्फ दो ही महिला डॉक्टर हैं प्रताप नगर क्षेत्र में एक भी गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर नहीं है और साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य विभाग को लेकर सरकार बहुत बड़े-बड़े दावे तो करती रहती है मगर जिला अस्पताल से लेकर सीएससी, पीएससी ,एडिशनल पीएससी हो सभी आज के टाइम पर सिर्फ रेफर केंद्र बने हुए हैं. उन्होंने यहां भी कहा कि देविका देवी की दोनों बेटियों की लालन-पालन और शिक्षा दीक्षा की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग को लेनी चाहिए.

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