
उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में डॉक्टरों को अब उनकी इच्छा अनुसार वेतन मिलेगा लेकिन इसी के साथ साथ सरकार ने उनके सामने एक बड़ी चुनौती भी रखी है।
बताया जा रहा है कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी है जिसके कारण पूरे प्रदेश में चिकित्सा विशेषज्ञों की संख्या 1253 स्वीकृत की गई हैं लेकिन इनमें अभी 537 चिकित्सक की तैनात किए गए हैं।
बता दे कि सरकार अब इस स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव को देखते हुए संविदा पर चिकित्सकों को रखने की तैयारी कर रहे साथ ही इन चिकित्सकों को उनकी इच्छा अनुसार वेतन भी दिया जाएगा
बता दे कि सरकार ने अपने इस फैसले में यह निर्णय लिया है कि इन संविदा चिकित्सकों को एक निश्चित समय तक पर्वतीय क्षेत्रों में अपनी सेवा देनी होगी जिसके कारण पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि होगी क्योंकि पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाना सरकार के लिए बहुत बड़ी चुनौती है
बता दें कि प्रदेश में कुल 1253 पद विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए स्वीकृत हैं लेकिन इसमें अभी 537 चिकित्सक ही तैनात हैं 716 खाली पद हैं बता दे कि अधिकतर चिकित्सक मैदानी क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं वही पौड़ी टिहरी चमोली अल्मोड़ा नैनीताल और पिथौरागढ़ में चिकित्सकों की संख्या में भारी कमी है यही कारण है कि बीमार व्यक्तियों को इलाज के लिए बड़े शहरों की ओर जाना पड़ता है।
इससे पहले भी सरकार कई ऐसी योजनाएं बना चुकी है लेकिन हर योजना चिकित्सकों के वेतन और सुविधाओं पर आकर रुक जाता है चिकित्सकों को उनकी इच्छा अनुसार वेतन नहीं मिल पा रहा था जिसके कारण ऐसी कई योजनाएं साकार नहीं हो सकी लेकिन अब प्रभारी सचिव स्वास्थ्य मिशन निदेशक एन एच एम डॉ राजेश कुमार ने इस बड़ी चुनौती पर एक योजना बनाई उन्होंने इस योजना को “यू कोर्ट सवी पे” का नाम दिया उन्होंने कहा कि इसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों को आमंत्रित किया जाएगा साथ ही उन्हें उनकी इच्छा अनुसार वेतन दिया जाएगा।