
उत्तराखंड सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए ऑनलाइन दस्तावेज रजिस्ट्रेशन नियमावली 2025 को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब लोग अपने घर बैठे वर्चुअल माध्यम से भूमि रजिस्ट्रेशन आसानी से कर सकेंगे। इसी के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में देहरादून सचिवालय में आयोजित कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस बैठक में राज्य के विकास और प्रशासन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई और कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
बता दे कि उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिससे राज्य के नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी। उत्तराखंड ऑनलाइन दस्तावेज रजिस्ट्रेशन 2025 योजना को मंजूरी दे दी गई है, जिसके तहत अब लोग घर बैठे ऑनलाइन माध्यम से दस्तावेज रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। वहीं एक और निर्णय लेते हुए उत्तराखंड सरकार ने जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया को और अधिक सरल और पारदर्शी बनाने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसमें ऑनलाइन दस्तावेज रजिस्ट्रेशन नियमावली 2025 के तहत, अब जमीन की रजिस्ट्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी की जाएगी, जिसमें दोनों पक्ष आमने-सामने होंगे। बताते चले कि उत्तराखंड सरकार ने जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए वीडियो केवाईसी की व्यवस्था शुरू की है।
इस प्रक्रिया में, संपत्ति के खरीददार और विक्रेता का वीडियो केवाईसी से सत्यापन किया जाएगा। जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया के बाद, खरीद-बिक्री की पूरी प्रक्रिया का एक डिजिटल दस्तावेज तैयार किया जाएगा। इस दस्तावेज को ईमेल के माध्यम से क्रेता और विक्रेता दोनों को भेजा जाएगा, जिससे उन्हें अपने दस्तावेजों की एक सुरक्षित और आधिकारिक प्रति प्राप्त हो सके।
बताते चले कि वकीलों के लिए रजिस्ट्रेशन आवश्यक नहीं है, लेकिन डीड राइटर और अन्य अधिकारियों के लिए विभागीय पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी है। ऑनलाइन दस्तावेज रजिस्ट्रेशन प्रणाली न केवल सुविधाजनक है, बल्कि यह आर्थिक नुकसान और धोखाधड़ी से भी बचाव करती है। इस प्रणाली के माध्यम से जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ जाती है, जिससे खरीदारों को धोखाधड़ी से बचाया जा सकता है।