
जैसे कि सभी को पता है कि 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में जनरल बिपिन रावत व उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 12 अन्य सैन्य अफसर शहीद हुए थे। भारतीय वायु सेना द्वारा सीडीएस जनरल बिपिन रावत व मधुलिका रावत की याद में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया ।जिसमें जनरल बिपिन रावत की छोटी बेटी तारिणी रावत व कृतिका रावत को भी निमंत्रण दिया गया था। जनरल विपिन रावत की छोटी बेटी तारिणी रावत ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि जनरल बिपिन रावत गढ़वाली सीख रहे थे ।
तारिणी रावत ने कहा कि दुर्घटना से कुछ दिन पहले ही उनके वह उनके कमरे में गई थी। वहां उनके बेड के बगल से एक नोटपैड मिला था ।जिस पर गढ़वाली के कुछ शब्द लिखे हुए थे ।जिससे साफ जाहिर होता है कि उत्तराखंड के लिए व गढ़वाली भाषा के लिए जनरल बिपिन रावत का प्यार कितना है। बता दें कि जनरल बिपिन रावत उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के रहने वाले हैं व वे उत्तराखंड के लिए बहुत कुछ करना चाहते थे। यहां तक कि वे ये चाहते थे कि रिटायरमेंट के बाद भी पहाड़ों में ही बस जाएं। ALSO READ THIS:दुखद: युद्धाभ्यास करते हुए सेना के जवान की मौत, संतुलन बिगड़ने से नीचे गिरा जवान…..
तारिणी रावत ने कहा कि ” पापा हमेशा ही कुछ ना कुछ सीखना चाहते थे। अगर पापा को कुछ नहीं आता था तो सबसे पहले उन्हें वही चीज सीखने की उत्सुकता रहती थी।”तारिणी ने आगे कहा कि उन्होंने और उनकी बड़ी बहन कृतिका ने माता-पिता से बहुत कुछ सीखा है। बल्कि इस कोविड़ के दौर में तो उन्हें अपने माता-पिता के साथ समय बिताने का बहुत ज्यादा वक्त मिला था और इस दौरान उन्होंने बहुत कुछ सीखा।उन्होंने कभी उम्मीद भी नहीं की थी कि ऐसा कुछ हो जाएगा। तारिणी रावत के यह शब्द सुनकर कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोग भावुक हो उठे व सभी की आंखें नम हो गई।