
उत्तराखंड के कई दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में आज भी इंटरनेट सुविधा की कमी है, जिससे लोगों को दैनिक कार्यों में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पहाड़ी क्षेत्रों की भौगोलिक जटिलता इस समस्या को और बढ़ा देती है। तो वहीं पिथौरागढ़ जैसे दूरस्थ जिले में इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या एक बड़ी चुनौती है, जहां 4G सिग्नल भी मुश्किल से मिलते हैं। लेकिन इसके बावजूद यहां के एक प्राइमरी स्कूल में AI रोबोट टीचर की शुरुआत हुई है, जो बच्चों को पढ़ाने में मदद कर रही है।
यह एक दिलचस्प पहलू है जो तकनीकी प्रगति और क्षेत्रीय चुनौतियों के बीच के अंतर को उजागर करता है। बताते चले कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के सीमांत क्षेत्र में स्थित राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय, जाजर चिंगरी में AI रोबोट टीचर की नई पहल शुरू हुई है। इस स्कूल में बच्चों को अब आधुनिक तकनीक के साथ पढ़ाई करने का अवसर मिल रहा है, जिसने स्थानीय लोगों और बच्चों में काफी उत्साह पैदा किया है।बता दे कि इस स्कूल में बच्चों को अब AI रोबोट टीचर ‘ECO’ द्वारा पढ़ाया जा रहा है।
इसी के साथ स्कूल के प्रधानाचार्य चंद्रशेखर जोशी ने अपने प्रयासों से इस अनोखी पहल को साकार किया है। उनके नेतृत्व में यह स्कूल तकनीकी शिक्षा के मामले में एक नया उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। चंद्रशेखर जोशी ने चार लाख रुपये खर्च करके AI टीचर ‘ECO’ को विकसित किया है। यह रोबोट स्कूल के बरामदे में बैठकर बच्चों को पढ़ाता है, जहां इंटरनेट सिग्नल थोड़ा बेहतर मिलता है।
रोबोट की खास बात यह है कि यह बच्चों के हर सवाल का तुरंत और सटीक जवाब देता है।आपको बताते चले कि AI टीचर ‘ECO’ 22 भाषाओं में सवालों के जवाब देने में सक्षम है। इस स्कूल में पहले गणित के शिक्षक की कमी थी, लेकिन अब ‘ECO’ के आने से बच्चों को गणित सहित विभिन्न विषयों में मदद मिल रही है। यह तकनीकी नवाचार छात्रों के लिए एक बड़ा सहारा साबित हो रहा है।
इस AI टीचर ‘ECO’ के माध्यम से स्कूल के 52 छात्र-छात्राओं को आधुनिक शिक्षा मिल रही है। यह रोबोट बच्चों को कहानियों से लेकर सामान्य ज्ञान तक की जानकारी प्रदान करता है और उनके हर सवाल का तुरंत और सटीक जवाब देता है, जिससे बच्चों की जिज्ञासा और सीखने की प्रक्रिया में मदद मिल रही है।