देहरादून में रिस्पना नदी के किनारे बसी 27 बस्तियों के निवासियों के लिए राहत की खबर है। सिंचाई विभाग ने एनजीटी के निर्देश पर इन बस्तियों का सर्वेक्षण किया है, जिनमें सैकड़ों घर बाढ़ संभावित क्षेत्र में आ रहे हैं। विभाग अगले दो महीनों में इन बस्तियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की योजना बना रहा है। सितंबर के अंत तक इस मुद्दे पर ठोस कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।
देहरादून में रिस्पना नदी के किनारे अवैध निर्माणों को हटाने की कार्रवाई जारी है, लेकिन अभी भी सैकड़ों घर बाढ़ के खतरे में हैं। एनजीटी के निर्देश पर फ्लड प्लेन जोन की पहचान और नक्शा तैयार किया जा रहा है। बाढ़ संभावित क्षेत्रों में घरों पर लाल निशान लगाए जाएंगे और एनजीटी ने इन निर्माणों को तोड़ने और परिवारों के पुनर्वास के निर्देश दिए हैं।
_सर्वेक्षण रिपोर्ट:_
– जुलाई में सिंचाई विभाग ने एनजीटी के निर्देश पर रिस्पना नदी के फ्लड प्लेन जोन का सर्वे किया।
– रिपोर्ट में अगले 25 और 100 वर्षों की संभावनाओं का विश्लेषण किया गया।
– नदी के दोनों किनारों पर 50 से 100 मीटर तक के क्षेत्र को अत्यधिक संवेदनशील माना गया।
– बाला सुंदरी मंदिर से लेकर मोथरोवाला और दौड़वाला नौका तक के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा अधिक होने की आशंका जताई गई।
_कार्रवाई की संभावना:_
– इस रिपोर्ट को एनजीटी और जिला प्रशासन को सौंपा गया है।
– अगले दो महीनों में इस बड़े कदम की संभावना है।
एनजीटी के निर्देश पर रिस्पना नदी के फ्लड प्लेन जोन में स्थित अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने और बस्तियों के निवासियों का पुनर्वास करने की कार्रवाई शुरू हो गई है। सिंचाई विभाग फ्लड प्लेन जोन की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर नक्शा तैयार कर रहा है और फ्लड जोन में स्थित निर्माणों पर लाल निशान लगाए जाएंगे।
_कार्रवाई का विवरण:_
– 24 जुलाई को एनजीटी ने रिस्पना के फ्लड प्लेन जोन में स्थित निर्माणों को चिह्नित कर ध्वस्त करने और बस्तियों के निवासियों का पुनर्वास करने के निर्देश दिए।
– सिंचाई विभाग की रुड़की रिसर्च विंग ने रिस्पना नदी के दोनों किनारों पर 50-100 मीटर की दूरी पर फ्लड जोन चिह्नित किए हैं।
– शिखर फाल से मोथरोवाला दूधली रोड तक 26 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में आगामी 25 और 100 वर्षों तक बाढ़ की संभावना को लेकर रिपोर्ट तैयार की गई है।
– बिंदाल नदी का भी मालसी से डकोटा तक फ्लड जोन निर्धारण किया गया है।
– दोनों नदियों के किनारों पर अतिक्रमण कर किए गए निर्माण को हटाकर संबंधित लोगों का पुनर्वास किया जाएगा, ताकि वर्षा के दौरान संभावित आपदा से बचा जा सके।
_सितंबर तक कार्रवाई की उम्मीद:_
– रिस्पना नदी के किनारे 27 बस्तियों में सैकड़ों घर बाढ़ संभावित क्षेत्र में हैं।
– सितंबर के अंत तक ठोस कार्रवाई की उम्मीद है।
देहरादून के कई क्षेत्रों में रिस्पना नदी के किनारे बस्तियों में भविष्य में भीषण बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। इन क्षेत्रों में चीड़ोंवाली खाला, कंडोली, मोहिनी रोड पुल, चूना भट्ठा, अधोईवाला, दीपनगर, ऋषिनगर, बलवीर रोड पुल, वाणी विहार, रामनगर और भगत सिंह कालोनी शामिल हैं।
रिस्पना नदी में 27 बस्तियां हैं, जहां अतिक्रमण के कारण नदी की चौड़ाई कम हो गई है। इससे बारिश के दौरान नदी का पानी सड़कों और बस्तियों में घुसने का खतरा बढ़ गया है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भविष्य में भीषण बाढ़ का खतरा है, और उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए।