
उत्तराखंड में प्रदीप मेहरा आज बहुत से युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन चुके है।उनका मानना है कि मेहनत का मजा तब ही है जब कामयाबी इसका शोर मचाएं।मेहनत सुनसान होनी चाहिए।इन सब्दो के पीछे उनके सादगीपूर्ण उच्च विचार है।
लेकिन यह बात शायद मीडिया नहीं समझ पा रही है।उन्हे केवल अपने काम और टीआरपी की चिंता है।यूं तो मीडिया हमारे जीवन में बहुत महत्व रखता है लेकिन अपनी टीआरपी के लिए मीडिया भी कई बार इसे काम करता है जो उसे नही करना चाहिए।
प्रदीप मेहरा जब विनोद कापड़ी के बार-बार अनुरोध करने के बाद भी,अपनी दौड़ छोड़ने के लिए एक बार भी राजी नहीं हुआ।तो अब मीडिया अपनी टीआरपी के लिए उसे घंटों तक अपने दफ्तरों में कैद कर रही है।न तो उसकी ड्यूटी का ध्यान है न उसकी मेहनत का सम्मान है। केवल एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के नाम पर उसका समय बर्बाद किया जा रहा है।
‘लक्ष्य पर फ़ोकस करने दें’ और निजता का सम्मान करें.
अब ‘आर्मी’ में जाने के बाद ही इंटर्व्यू देना प्रदीप.🇮🇳 pic.twitter.com/U0siwdzP4V— Awanish Sharan (@AwanishSharan) March 21, 2022
इसी वजह से प्रदीप अपने लक्ष्य पर अब ध्यान नहीं दे पा रहे है,जिस वजह से उन्हें अब यह कहना पड़ा है,”मुझे इंटरव्यू के लिए परेशान ना किया जाए” साथ ही प्रदीप का कहना यह भी है कि दो चार कदम दौड़ लगाने के कारण उसे इतनी प्रसिद्धि भी ना दे दी जाए कि वह अपना लक्ष्य ही भूल जाए।