देहरादून मेट्रो के लिए 101 करोड़ का प्रावधान, ये होंगे रूट और स्टेशन

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Provision of 101 crores for Dehradun Metro, these will be routes and stations
Provision of 101 crores for Dehradun Metro, these will be routes and stations (Image Credit: Social Media)

आप जब भी दिल्ली गए होंगे तो एक ना एक बार मेट्रो में जरूर बैठे होंगे क्योंकि मेट्रो ट्रेन आपको आपके गंतव्य तक सीखना और सुरक्षित पहुंचा देती है और मेट्रो ट्रेन आपको और किसी भी वाहन से ज्यादा सस्ती पड़ती है. तो अगर आप उत्तराखंड राज्य के देहरादून में रहने वाले हैं तो यह खबर आपके लिए खुशखबरी है.

क्योंकि देहरादून में नियो मेट्रो चलाने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी ने 101करोड़ प्रावधान किया है. वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने मेट्रो लाइन के आड़े आ रही बिजली पानी पाइप लाइन को शिफ्ट करने के बाद कही है और बताया जा रहा है कि जल्द ही केंद्र सरकार मेट्रो प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे सकती है.

नियो मेट्रो चलाने के लिए केंद्र सरकार कई तरह से विचार-विमर्श एवम् तर्क वितर्क कर रही है. बता दें नियो मेट्रो चलाने का का प्रस्ताव प्रदेश सरकार जनवरी 2022 में ही केंद्र सरकार को भेज चुकी है और जिसे जल्द ही मंजूरी मिल सकती है. इसी संदर्भ में मेट्रो कॉरपोरेशन प्रस्तावित लाइन के आड़े आ रही बिजली पानी सीवर लाइन को शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है.

सरकार ने कॉरपोरेशन पर कार्य को शुरू करने के लिए 101 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया है. खबरों की मानें तो यहां पूरा काम दो चरणों में होगा प्रथम चरण में उत्तराखंड सरकार केंद्र सरकार के साथ 50% की भागीदारी के साथ दो रूट में देहरादून में नियो मेट्रो चलाना चाहते हैं और दूसरे चरण में मेट्रो देहरादून से हरिद्वार और ऋषिकेश तक चलाई जाएगी. जिसके लिए राज्य सरकार 1600 करोड़ रुपए का लोन लेगी. चलिए अब आपको दोनों मेट्रो रूट्स के बारे में बताते हैं.

एक मेट्रो रूट (एफआरआई से रायपुर-13.9 किलोमीटर)

एफआरआई, आईएमए ब्लड बैंक, दून स्कूल, कनॉट प्लेस, घंटाघर, गांधी पार्क, सीएमआई, आराघर, नेहरू कॉलोनी, अपर बद्रीश कॉलोनी, अपर नत्थनपुर, ओएफडी, हाथीखाना, रायपुर स्टेशन बनेंगे. दूसरा मेट्रो रूट (आईएसबीटी से गांधी पार्क-8.5 किलोमीटर)

आईएसबीटी, सेवलाकला, आईटीआई, लालपुल, चमनपुरी, पथरीबाग, रेलवे स्टेशन एवं कोर्ट तक बनेगा. उम्मीद लगाई जा रही है की मंजूरी मिलने के बाद यह प्रोजेक्ट 5 साल में पूरा हो जाएगा.

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