आज हमारा देश अपनी आजादी के 75 वी वर्षगांठ मना रहा है आज पूरे देश में आजादी के अमृत महोत्सव को धूमधाम से मनाया जा रहा है सभी जगह ध्वजारोहण के कार्यक्रम होने हैं और देश भर में झांकियां निकलेंगी वही आज एक 38 साल पूर्व ऑपरेशन मेघदूत में शहीद एक जवान का पार्थिव शरीर उसके मूल गांव हल्द्वानी लाया जाएगा शहीद जवान कुमाऊं रेजीमेंट का जवान था।
LNk (Late) Chander Shekhar was identified with the help of the identification disk bearing his Army number which was entangled along with the mortal remains; further details were recovered from official Army records: Northern Command, Indian Army pic.twitter.com/aoUYVWeNwD
— ANI (@ANI) August 15, 2022
बता दें कि 38 साल पहले हुए एक ऑपरेशन मेघदूत में लांस नायक चंद्रशेखर ने अपनी शहादत देश के लिए कुर्बान की थी किंतु उस समय उनका पार्थिव शरीर प्राप्त नहीं हुआ था लेकिन कल उनका पार्थिव शरीर मिला जिसके बाद से उनका पार्थिव शरीर अब उनके मूल गांव अल्मोड़ा द्वाराहाट लाया जायेगा।
शहीद जवान चंद्रशेखर हरबोला अल्मोड़ा के द्वारहाट के निवासी थे 19 कुमाऊँ रेजीमेंट से तालुकात रखते थे बता दें कि अंतिम समय सियाचिन में उनकी तैनाती थी उस समय एक बर्फीले तूफान के कारण वह शहीद हो गए थे उनके साथ कुल 19 जवान बर्फीले तूफान का शिकार बने थे जिनमें से 14 शवों को प्राप्त कर लिया था किंतु 5 शव नहीं मिल पाए जिस कारण सेना ने तलाशी अभियान बंद कर दिया था।
बता दें कि 29 मई 1984 में चंद्रशेखर हरबोला देश के लिए शहीद हो गए थे सेना को चंद्रशेखर हरबोला का पार्थिव शरीर नहीं मिल पाया था जिस कारण उन्होंने उनके परिजनों से कहा कि चंद्रशेखर देश के लिए शहीद हो गए हैं बता दें कि उस समय चंद्रशेखर हरबोला की उम्र महज 28 वर्ष थी उनकी दो बेटियां भी थी जो उस वक्त काफी छोटी थी आज 38 साल बाद उनका पार्थिव शरीर बर्फ के नीचे मिला है बता दें कि आज उनका पार्थिव शरीर हल्द्वानी उनके मूल गांव लाया जाएगा।
चंद्रशेखर हरबोला के परिजनों ने 38 साल पूर्व ही उनका अंतिम संस्कार कर दिया था किंतु बीते दिन उन्हें आर्मी हेड क्वार्टर से सूचना मिली कि चंद्रशेखर हरबोला का पार्थिव सर बरामद कर लिया गया है जिसके बाद आज 38 साल बाद उनका पार्थिव शव उनके गांव लाया जाएगा बता दे कि उस समय उनकी बेटियां काफी छोटी थी जिस कारण उन्हें अपने पिता चंद्रशेखर हरबोला का चेहरा ठीक से याद नहीं है।
वह आज अपने पिता का चेहरा ठीक से देख पाएंगे चंद्रशेखर हरबोला की पत्नी शांति देवी एक बार फिर भावुक हो उठी उन्हें इस बात का तो पता है कि पति अब वापस नहीं आ सकते लेकिन इस बात का उन्हें हमेशा गर्व रहेगा कि उन्होंने देश के लिए शहादत दी है।
बता दें कि चंद्रशेखर हरबोला के साथ-साथ सेना को एक और शव भी बरामद हुआ है चंद्रशेखर हरबोला का बैच नंबर 4164584 है आज उनका पार्थिव शरीर उनके गांव हल्द्वानी लाया जाएगा जिसके बाद पूरे विधि विधान से उनका अंतिम संस्कार रानी बाग चित्रशिला में किया जाएगा ।