
मोहित की आत्म हत्या के 42 दिन बाद भी उनके परिवार और गांव वालों ने उनके शव का अंतिम संस्कार नहीं किया है। मोहित के शव को नागरिक अस्पताल के फ्रीजर में रखने के बावजूद अब उसमें से दुर्गंध आने लगी है। मोहित के पिता ने अपील की है कि मोहित के मौत के दोषी प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच हो तभी वह मोहित का अंतिम संस्कार करेंगे।
कोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिए थे कि वे घटना की जांच के लिए एक आईपीएस अधिकारी को नियुक्त करें और युवक के पिता को तीन दिन के भीतर अंतिम संस्कार की व्यवस्था करने के लिए कहें। हाईकोर्ट ने वादी कैलाशचंद की याचिका पर सुनवाई के बाद मृतक का अंतिम संस्कार तीन दिन के भीतर करने का आदेश दिया था, जिसकी समय सीमा 19 जनवरी को समाप्त हो गई थी।
मिली जानकारी के अनुसार मोहित ने 13 दिसंबर की रात को फांसी के फंदे से आत्म हत्या कर ली थी।मोहित उस दिन किसी जन्मदिन की पार्टी से लौटा था। कनीना सदर थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उपनागरिक अस्पताल, कनीना में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था, जो 14 दिसंबर 2024 को हुआ था।
मृतक युवक के पिता ने प्रदेश के पूर्व मंत्री समेत आठ लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर शव को लेने से इनकार कर दिया था। आरोप हैं कि पूर्व मंत्री और अन्य आरोपियों ने मोहित को एक मामले में गलत तरीके से फंसाया था , जिससे परेशान होकर उसने आत्महत्या कर ली।