
पहाड़ के लोग निडर ,साहस और एडवेंचर के लिए जाने जाते हैं। बच्चे भी अपनी निडरता और साहस के दम पर कई बार अपने परिजनों को मौत के मुंह से बाहर निकाल लेते हैं। इसी साहस और वीरता के लिए उत्तराखंड से 3 बच्चों का नाम राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए भेजा गया गया।
यह चयनित नाम भारतीय बाल कल्याण चयन परिषद को राज्य बाल कल्याण चयन परिषद द्वारा भेजें गए हैं। जिसमें पौड़ी गढ़वाल जनपद के आयुष ध्यानी और अमन सुंद्रियाल समेत रुद्रप्रयाग जिले के नितिन शामिल है।
रुद्रप्रयाग के तमिंद गांव निवासी नितिन को यह पुरस्कार गुलदार के हमले में डटकर सामना करने के लिए दिया गया है। बीते वर्ष 12 जुलाई 2021 को नितिन और उनके बड़े भाई सुमित गांव में पूजा के दौरान नारी देवी चंडिका के मंदिर में महायज्ञ के लिए जा रहे थे।
मंदिर जाते वक्त नितिन को प्यास लग जाती है और वह पानी के स्रोत के सामने रुक जाता है। और सुमित थोड़ा से आगे निकल जाता है। तभी पानी के स्रोत के सामने ही घात लगाए बैठे गुलदार नितिन पर अचानक हमला कर देता है और उसे खींचकर नीचे ले जाने लगता है। हमले में नितिन बुरी तरह से घायल हो जाता है।
छोटे भाई नितिन की चीख सुनकर उसका बड़ा भाई सुमित जोर-जोर से शोर करने लगता है जिसके बाद आसपास के ग्रामीण भी वहां पहुंच जाते हैं। और शोर करते है। जिसके बाद गुलदार भाग जाता है और नितिन की जान बच जाती है।
वही पौड़ी गढ़वाल जनपद के आयुष ध्यानी और अमन सुंद्रियाल दोनो नवीं कक्षा के छात्रों ने अपने स्कूल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डूंगरी नैनीडांडा के पास जंगल में लगी भीषण आग को बुझा कर अपने स्कूल को सुरक्षित बचाया।
बाल कल्याण परिषद की सचिव पुष्पा मानस ने बताया कि तीनों बच्चों के नाम बाल कल्याण परिषद दिल्ली को भेज दिए गए हैं जहां अंतिम चयन के बाद राष्ट्रीय वीरता पुरस्कारों की घोषणा की जाएगी।
बताते चलें कि राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के अंतर्गत 1 पदक, नगद धनराशि और प्रमाण पत्र भी दिया जाता है इसी के साथ स्कूली पढ़ाई पूरी करने के लिए उचित धनराशि भी मुहैया कराई जाती है