उत्तराखंड: इन 7 योगों के साथ 181 साल बाद मनेगा रक्षाबंधन, भद्रा का साया और शुभ मुहूर्त जानें

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This year, seven special yogas are being formed on Rakshabandhan, know the auspicious time to tie Raksha Sutra
This year, seven special yogas are being formed on Rakshabandhan, know the auspicious time to tie Raksha Sutra (Image Source: Social Media)

आईआईटी रुड़की के श्री सरस्वती मंदिर के पुजारी आचार्य पंडित राकेश शुक्ला ने बताया कि इस वर्ष रक्षाबंधन पर एक अद्वितीय ज्योतिषीय संयोग बन रहा है, जिसमें सात शुभ योग एक साथ आ रहे हैं। यह संयोग बहुत ही दुर्लभ है और इसके परिणामस्वरूप मां सरस्वती और मां लक्ष्मी की कृपा के साथ-साथ भगवान शिव का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा।

इस वर्ष रक्षाबंधन पर लक्ष्मी नारायण योग, शुक्र आदित्य योग, बुधादित्य योग, शशनामक राजयोग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग जैसे सात शुभ योग एक साथ आ रहे हैं। यह एक अनोखा और विशेष संयोग है, जो बहुत कम समय पर बनता है।

इस समय में किए जाने वाले सभी शुभ कार्य सफल होंगे। ज्योतिषाचार्य विपिन शर्मा और पंडित संदीप भारद्वाज शास्त्री के अनुसार, रक्षाबंधन के दिन सावन का अंतिम सोमवार भी पड़ रहा है, जिस पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। लेकिन भद्रा के कारण मुहूर्त को लेकर कुछ संशय है।

पंडित राकेश शुक्ला के अनुसार, पूर्णिमा तिथि के साथ भद्रा शुरू हो जाएगी, जो दोपहर 1:30 बजे तक रहेगी। इसलिए, रक्षाबंधन के शुभ कार्यों को भद्रा के समाप्त होने के बाद ही करना चाहिए। इस दिन किए गए सभी शुभ कार्य सफल होंगे और सिद्धि प्राप्त होगी।

एक पौराणिक कथा के अनुसार, शूर्पणखा ने भद्रा काल में अपने भाई रावण को रक्षासूत्र बांधा था, जिसके बाद भगवान श्री राम ने रावण का सर्वनाश किया। इसलिए, भद्रा के समाप्त होने के बाद ही राखी बांधना शुभ माना जाता है।

इस साल 19 अगस्त 2024 को रक्षाबंधन का सबसे उचित समय दोपहर 1:30 बजे से लेकर 4:15 बजे के बीच रहेगा। यदि आवश्यक हो तो भद्रा के पुच्छ काल में सुबह 9:50 से 10:50 के बीच भी राखी बांधी जा सकती है। यह समय राखी बांधने के लिए शुभ और मंगलकारी होगा।

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