ऑनलाइन गेम्स बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं। गेमिंग समय बिताने का एक मजेदार और मिलनसार तरीका है, टीम वर्क को प्रोत्साहित करना और कौशल विकसित करना। लेकिन इसमें कुछ जोखिम भी हैं। इसलिए आपको सुरक्षित रहने और सकारात्मक गेमिंग अनुभव रखने में मदद करने के लिए जागरूक होने की आवश्यकता है। कुछ समय के लिए ये ऑनलाइन गेम्स बच्चों का मनोरंजन करते हैं लेकिन दीर्घकालीन इसका गलत प्रभाव बच्चों के आचरण पर पड़ रहा है।आजकल ऑनलाइन गेमिंग की लत बच्चों समेत युवाओं पर भी देखा जा सकता है। आज इसी से जुड़ी एक घटना हमारे सामने आयी है जहां दो किशोर बिन बताए अपने फ्री फायर ग्रुप के दोस्त से मिलने दूसरे शहर चले गए। मामला उत्तराखंड के रूद्रपुर का है। दरअसल 14 वर्ष का शुभम अपने दोस्त आदित्य के साथ रात के नौ बजे तक फ्री फायर खेल रहा था। शुभम शिमला बहादुर थाना ट्रांजिट कैंप का रहने वाला था।
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काफी रात होने पर भी जब वह घर नहीं आया तो परिवार वालों को उसकी चिंता हुई। उन्होंने आस पास खोजबीन शुरू की लेकिन जब कहीं पता नहीं चला तो उन्होंने पुलिस की मदद लेने की सोची और उन्होंने बच्चे की गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई। दोनों बच्चे क्षेत्र से बाइक के साथ लापता थे। पुलिस ने अपनी जांच पड़ताल शुरू की। यह केस थाना प्रभारी केजी मठपाल ने उप निरीक्षक अर्जुन गिरी गोस्वामी को सौंपा गया। जांच पड़ताल के दौरान बच्चो के फोन नंबर ट्रैस किए गए , सीडीआर निकाली तो उसमे लोकेशन लखीमपुर खीरी मिली। पुलिस ने गुरुवार तुंरत जाकर बच्चो को ढूंढा और वापस ले आए। उनसे पूछताछ करने पर पता चला कि वे लोग पहले ऑनलाइन गेम पबजी खेलते थे। लेकिन पबजी के बन्द होने के बाद उन्होंने फ्री फायर खेलना शुरू कर दिया। लगभग दो महीने से वे एक ग्रुप बनाकर रोज ऑनलाइन गेम खेल रहे थे। इसी बीच उनकी जान पहचान लखीमपुर के किशोर से हुईं तो वे दोनों उससे मिलने घर पर बिना बताया चले गए। पुलिस ने दोनों किशोरों को सही सलामत उनके परिवार जनों को सौंप दिया है।