गजब: दसवीं भी पास नहीं और कर रही थी सरकारी नौकरी, उत्तराखण्ड में 2 सिक्षिकाएं निलंबित….

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Two teachers suspended for fake documents in Pauri Garhwal
Image:Two teachers suspended for fake documents in Pauri Garhwal (Source: Social Media)

शिक्षा विभाग में कई ऐसे शिक्षक है जो फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं। उत्तराखंड शिक्षा विभाग में ऐसे कई केस सामने आए हैं जब शिक्षकों के पास उचित प्रमाण पत्र नहीं होते हैं लेकिन फिर भी वे विद्यालयों में एक शिक्षक की भांति पढ़ा रहे होते हैं और सरकारी नौकरी का लाभ उठा रहे होते हैं। अब धीरे-धीरे सरकार द्वारा विद्यालयों में शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच की जा रही है जिससे ऐसे सभी झोलाछाप शिक्षकों की पोल खुल रही है।

हाल ही में पौड़ी गढ़वाल के प्राथमिक शिक्षा विभाग में दो ऐसे ही फर्जी शिक्षक शिक्षिकाओं की पोल खुली है ।पता चला है कि दोनों ही फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर जिले के प्राथमिक विद्यालय में बतौर शिक्षिका पढ़ा रही थी व सरकारी तनख्वाह का लाभ उठा रही थी। सरकार ने अब इन दोनों शिक्षिकाओं को निलंबित कर दिया है। साथ ही एक प्रधानाध्यापिका के प्रमाण पत्रों की भी जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि प्रधानाध्यापिका के प्रमाण पत्र में कुछ गड़बड़ लग रही है।

डीईओ बेसिक कुंवर सिंह रावत ने बताया कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय बीड़पानी कलजीखाल में सेवारत एक अध्यापिका संगीता टम्टा के B.Ed डाक्यूमेंट्स संदिग्ध पाए जाने पर जब विश्वविद्यालय को वे डॉक्यूमेंट सत्यता के लिए भेजे गए तो पता चला कि इस नाम व अनुक्रमांक का कोई भी अभिलेख विश्वविद्यालय के पास नहीं है।ALSO READ THIS:दूसरों के खेत में मजदूरी करके पूरी करी पढ़ाई, 5 बजे उठकर लगाती थी दौड़, अब BSF में हुआ सिलेक्शन तो झूम उठा पूरा गांव, देखिए वीडियो…

वही दूसरा केस है राजकीय पमाध्यमिक विद्यालय झाटरी दुगड्डा ब्लॉक में सेवारत अध्यापिका का ।जिसने खुद भी दसवीं पास नहीं की लेकिन विद्यालय में पढ़ा रहे हैं ।शिक्षिका का हाई स्कूल का प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए जाने पर संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य के पास भेजा गया तो पता चला कि उक्त नाम और अनुक्रमांक का कोई भी विद्यार्थी उनके विद्यालय में पंजीकृत था ही नहीं।इन दोनों अध्यापिकाओं को सरकार द्वारा निलंबित कर दिया गया है।

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