देहरादून:- एक सामने आई है कि उत्तराखंड रोडवेज को अब उत्तर प्रदेश घाटे मे लेकर जा रहा है। उत्तर प्रदेश रोडवेज बसें करोड़ो का घपला कर फ़र्ज़ी रजिस्ट्रेशन कर बस चला रहे है। सूत्रों से पता चला कि पड़ोसी राज्य की कुछ रोडवेज बसें स्कूटर, बाइक आदि के नंबरों पर दौड़ रही हैं। कोरोना की वजह से रोडवेज की स्थिति बहुत ज्यादा खराब है। यहाँ तक की रोडवेज के कर्मियों को देने के लिए भी पैसे बहुत मुश्किल से आ रहे है। उत्तराखंड परिवहन निगम ने रोडवेज की फ़ाइलो की तलाशी शुरु कर दी। परिवहन सचिव रणजीत सिन्हा की निगरानी में जांच पड़ताल चल रही है। जाँच के बाद पता चला कि उत्तर प्रदेश की 1250 बसें देवभूमि उत्तराखंड मे चला रहे है। जबकि 37 बसों का ही टैक्स दिया जा रहा है।
बसों का रिकॉर्ड परिवहन निगम के पास ना होने की वजह से 40 करोड़ के बदले केवल पांच करोड़ का ही टैक्स दें रहे है। जबकि उत्तराखंड की बसों से सिर्फ 40 करोड़ का टैक्स ले रहे है। सचिव परिवहन डा. रणजीत सिन्हा ने प्रदेश के सभी आरटीओ एवं एआरटीओ को दूसरे राज्य से आने वाली रोडवेज बसों का रिकार्ड बनाने के आदेश दिए। आरटीओ ने दून आइएसबीटी, हरिद्वार, ऋषिकेश और रुड़की बस अड्डे से रोडवेज बसों का रिकॉर्ड मंगवाया था।
खबर मिली है कि देहरादून आइएसबीटी प्रबंधन की ओर से आरटीओ कार्यालय को भेजे गए रिकॉर्ड में उत्तर प्रदेश की 336 बसें मिली हैं। जबकि हरिद्वार में 260 व ऋषिकेश अड्डे से 62 बसो को चलाने का रिकॉर्ड मिला है। दून आइएसबीटी के मिले रिकार्ड की जांच मे कुछ बसों की नंबर प्लेट फ़र्ज़ी है। आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने कहा की मामले को पुरा जानने के लिए एक कमेटी बनानी होगी। उत्तर प्रदेश की कई बसों के नंबर व डिपो के जाँच भी की जाएगी क्यूंकि कुछ बसें ऐसी भी है जिनके नंबर अलग अलग डिपो पर रजिस्टर है।
आरटीओ पठोई एक अनुसार दून, हरिद्वार व ऋषिकेश बस अड्डे में कई बसें ऐसी मिली हैं, जिनका पंजीयन नंबर एक है, मगर उत्तर प्रदेश में तीन-तीन डिपो में दर्ज हैं। आपको बता दें कि रोडवेज बसों के टैक्स की जांच के लिए आरटीओ कार्यालय सुबह दस बजे से रात 11 बजे तक खुल रहा है। आरटीओ ने कहा कि चार पांच दिन से हमने आधे कर्मियों को बसों की जाँच करने के लिए कहा है। परिवहन सचिव के नियम बहुत ही सख्त है और इस बार कोई भी लापरवाही करना नही चाहते।
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