उत्तराखंड में नकली नोटों की तस्करी करने वाले एक गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। बताया जा रहा है कि काफी समय से 3 लोग मिलकर चंपावत जिले के टनकपुर में नकली नोटों का धंधा करते थे। हालांकि एसओजी टीम के साथ मिलकर पुलिस ने इन आरोपियों को अब धर दबोचा है। एक अनुमान के अनुसार, पिछले एक साल से ये लोग लगभग 1 करोड़ से ज्यादा के नकली नोटों को स्थानीय बाजार में खपा चुके हैं। ये लोग 100, 200 और 500 के नोटों को छापने का धंधा करते थे। हालांकि इनके 500 रुपये के नोट की क्वालिटी असली नोट के मुकाबले थोड़ी खराब हो गयी थी। और यही कारण है कि इन लोगों पर नकली नोट छापने का शक किया गया।
पुलिस ने आरोपियों को पकड़कर इनसे पूछताछ की। पूछताछ से पता चला कि ये लोग उधमसिंह नगर जिले के नानकमत्ता कस्बे में नकली नोट छापने का काम करते थे। इन्होंने बताया कि इनके पास एक लैप्टोप और एक प्रिंटर था जिसकी मदद से ये 100, 200 और 500 रुपये के नोट छापते थे। पुलिस को हैरानी तो तब हुई जब उन्होंने इनसे शुरुआत में 4 लाख के नकली नोट बरामद किए, और वो सभी नोट हूबहू असली नोटों की तरह ही थे। बस फर्क इतना था कि 500 के नोट की क्वालिटी असली नोट के मुकाबले थोड़ी खराब थी।
आरोपियों की पहचान ब्रजकिशोर, रियाज़ और हरदेव के रूप में हुई है। ये तीनों मिलकर सितारगंज, काशीपुर और बाजपुर जैसे क्षेत्र में नकली नोटों को चलाते थे। पुलिस ने इनसे और पूछताछ की जिसमें इन्होंने बताया कि यह तीनों इन नोटों को बाजार में आधे दामों पर बेचते थे, और जितना भी फायदा होता था आपस में आधा आधा बांट लेते थे। यह तीनो आरोपी मिलकर नानकमत्ता में एक फोटो स्टेट की दुकान पर नकली नोट छापते थे। पुलिस ने इनसे नकली नोट छापने के कई उपकरण भी बरामद किये।