चमोली आपदा में बहुत बड़ा नुकसान हुए है सभी लोगों को अभी एसडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें अपनी अपनी मशकत कर लोगों को अभी भी बाहर निकाल रही है। ग्लेशियर टूटने के बाद भीषण तबाही मची है, साथ ही सीएम ने भी पीड़ितों को पूरी मदद की बात कही है और अब तक इस तबाही से 32 लोगों की मारने की खबर सामने आई है। टनल में फंसे लोगों को अभी भी रेस्क्यु कर बाहर निकाला जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस भीषण हादसे में अभी तक 16 लोगों को बचाया जा चुका है। टनल में काम करने वाले कर्मचारियों ने सुरक्षा बलों को तहे दिल से धन्यवाद किया है साथ ही उन्होंने 7 घंटे की भयानक कहानी बताई। तपोवन में फंसे मजदूरों ने बताया कि उन सब ने उम्मीद छोड़ दी थी तभी एक फोन कॉल ने एक नई जिंदगी मिली। सुबह करीब 10 बजे रविवार को ग्लेशियर टूटने के बाढ़ आई तो सभी मजदूर टनल में फंस गए और उन्हें हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा नजर आ रहा था, डर के मारे उनकी सांसे रुकने लगी फिर ऐसी बीच एक आदमी ने देखा कि उसका फोन काम कर रहा है तो , ऐसी उम्मीद से 12 लोगों की जान बच पाई है।
एक व्यक्ति ने फिर अधिकारियों से संपर्क किया और मदद मांगी । जिसके बाद टनल में फंसे हुए लोगों की जान बच पाई। जिन लोगों को अधिकारियों ने जान बचाई वो सभी लोग तपोवन बिजली परियोजना में काम कर रहे थे। लाल बहादुर जिसे टनल से निकाला गया था उन्होंने बताया था कि बाढ़ आने से पहले हमने लोगों के चिल्लाने की आवाजें सुनी और उसके बाद कीचड़ की तेज लहर आई फिर वो लोग सुरंग में ही फंस गए। सूचना मिली है कि तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की एक सुरंग में 34 लोग फंसे हैं और इन सभी को बाहर लाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। जल्द से जल्द सुरक्षा बालों को मदद से इन सभी को निकाले जाने का प्रयास किया जा रहा है।