आपको तो पता ही होगा की उत्तराखंड के शौर्य भूमि कहलाती है। बहादुरी दिखाने के मामले में सेना में उत्तराखंड का बहुत बड़ा नाम है। अब आपको बताते हैं एक ऐसी ही एक जाबांज कहानी। भारतीय सेना के हवलदार रविंद्र सिंह धपोला, जिन्होंने दो साल पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के संग हुई मुठभेड़ में एक आतंकवादी को मार गिराया था और अपने सात लोगों की जान बचाई थी। आपको बता दें की हवलदार धपोला को ऊधमपुर में हुए सेना कार्यक्रम में उन्हें सेना मेडल से नवाजा गया है। आपको बता दें की लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने उन्हें यह सम्मान दिया है।
अब आपको थोड़ा इनके बारे में बताते हैं। मूल रूप से रविंद्र सिंह धपोला बागेश्वर के धपोलासेरा गांव के रहने वाले हैं जिनका का जन्म जुलाई 1979 में हुआ और इनकी पढ़ाई इनकी नानी के घर में हुई। हाईस्कूल की पढ़ाई करने के बाद वह 26 जुलाई 1999 को सेना में भर्ती हुए। वो दिल्ली, पंजाब, जम्मू और कई जगह पर इनकी ड्यूटी रही।
2019 में जम्मू-कश्मीर में उनकी टीम को एक गांव में आतंकवादियों के छिपे होने की खबर मिली थी तो उसके बाद वहां पर सैन्य ऑपरेशन चलाया गया था। जिसमे ऑपरेशन के दौरान हवलदार रविंद्र सिंह ने क्विक रिएक्शन टीम का नेतृत्व करते हुए घेराबंदी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अपने बेहतर साहस दिखा कर अच्छा प्रदर्शन करते हुए एक आतंकवादी को नजदीक से निशाना लगाकर मार गिराया। आपको बता दें की जाबांज रविंद्र ने अपनी जान की फिकर ना करके 7 लोगों की जान बचाई थी। इसलिए उन्हें सेना मेडल से नवाजा गया।