देहरादून: राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज (RIMC) में पढ़ने का सपना हर साल लाखों युवा बच्चे देखते हैं, लेकिन सफलता कुछ ही को मिलती है। उत्तराखंड के वैभव बिजल्वाण ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में चयनित होकर पूरे राज्य का मान सम्मान बढ़ाया है। देशभर के छात्रों में से केवल वैभव उत्तराखंड से चयनित किए गए हैं। उनकी इस उपलब्धि ने प्रदेश को गर्व का एक और अवसर दिया है।
परिवार और शिक्षा पृष्ठभूमि
वैभव बिजल्वाण के पिता, जगदंबा प्रसाद बिजल्वाण, उत्तरकाशी स्थित एसडीआरएफ (उत्तराखंड पुलिस) की सी कंपनी में इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्त हैं। वहीं, उनकी मां, निर्मल बिजल्वाण, देहरादून में साइबर सेल, एसएसपी कार्यालय में उपनिरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं।
खेल और पढ़ाई में बैलेंस
12 वर्षीय वैभव पढ़ाई के साथ-साथ एक होनहार फुटबॉल खिलाड़ी भी हैं। उन्होंने देहरादून के सेंट पैट्रिक अकादमी, क्लेमेंटाउन में 7वीं कक्षा में पढ़ाई करते हुए फुटबॉल का अभ्यास जारी रखा। उनके पिता ने उनकी खेलों में रुचि को पहचानते हुए पढ़ाई पर भी समान ध्यान देने को कहा।
भविष्य के लक्ष्य
वैभव बचपन से ही फुटबॉल के प्रति आकृषित रहे हैं और भविष्य में पुर्तगाल की किसी प्रसिद्ध फुटबॉल अकादमी में दाखिला लेकर पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी बनने का सपना देखते हैं।
सफलता की प्रेरणा
वैभव की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए प्रेरणा है। RIMC जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में चयनित होना उनकी कड़ी मेहनत,निष्ठा और समर्पण का परिणाम है। उनकी कहानी उन अन्य बच्चों के लिए प्रेरणास्त्रोत है जो बड़े सपने देखते हैं और उन्हें साकार करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं।