
उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर के रहने वाले बिरजू मयाल अचानक से सोशल मीडिया पर छा गए है। उत्तराखंड में इस समय ऐसा कोई नहीं होगा जिसने बिरजू मयाल का नाम नहीं सुन होगा। पिछले 24 घंटों से सोशल मीडिया पर बिरजू मयाल का ही जलवा है, हर जगह उनके नाम की चर्चा हो रही है।
इसके साथ ही बिरजू मयाल ने मीडिया को ये भी बताया कि वह पहाड़ से देहरादून क्यों आए और उनकी मांगें क्या हैं, बिरजू मयाल ने मीडिया से कहा कि अगर में महाराष्ट्र से होता तो इस समय महाराष्ट्र की जनता मेरे साथ खड़ी होती और मंत्री प्रेमचंद को इस्तीफा देना पड़ता और उन्हें महाराष्ट्र से बाहर जाना पड़ता। वहीं अगर मैं बंगाल से भी होता तो बंगाली समाज के लोग मेरे साथ खड़े होते और जिसने हमारे समाज का अपमान किया है, उसे हम अपने समाज से बाहर करने का रास्ता दिखाते। मैं पंजाब और हिमाचल की बात करता हूं, लेकिन उत्तराखंड में ऐसा क्यों नहीं हो रहा है? क्यों उत्तराखंड के लोग अपने समाज के हित में एकजुट नहीं हो रहे हैं? बिरजू मयाल ने मीडिया से सवाल किया कि उत्तराखंड के विधायक और मुख्यमंत्री धामी उनकी बातों पर चुप क्यों हैं? क्यों वे इस मुद्दे पर बोलने से बच रहे हैं?
नगर पालिका, नगर निगम सभी प्रेमचंद अग्रवाल के अधीन आते हैं। उनके पास शहरी विकास और वित्त विभाग की जिम्मेदारी है, जिससे वे इन संस्थाओं पर नियंत्रण रखते हैं। दोनों विभाग पूरी तरह से ठप्प हो गए हैं, जिसके कारण साफ-सफाई की स्थिति बहुत खराब हो गई है। नगर पालिकाओं की हालत भी बहुत खराब है, चाहे वह पहाड़ के इलाके हों या शहरी इलाके, हर जगह गंदगी और अव्यवस्था है। दोनों विभागों की असफलता के कारण साफ-सफाई की स्थिति पूरी तरह से चरमरा गई है। नगर पालिकाओं में गंदगी और अव्यवस्था का बोलबाला है, जो पहाड़ी इलाकों से लेकर शहरी इलाकों तक हर जगह दिखाई दे रही है।
बिरजू मयाल ने मीडिया से आगे कहा कि ऐसे व्यक्ति को यहाँ पद पर रहने देना बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। आज वह गाली दे रहा है, कल को वह पहाड़ी समुदाय के प्रति कुछ गलत कदम भी उठा सकता है, मुझे इस बात का खतरा है। साथ ही, उनके अपने कार्यों में भी गंभीर कमियां हैं। उनको विधायक और मंत्री पद से हटाने की मांग की जा रही है, साथ ही उन्हें पहाड़ी क्षेत्र से बाहर करने की भी मांग की जा रही है।