दारोगा बनकर 1 महीने तक थाने में ड्यूटी करता रहा फर्जी दारोगा, थानेदार से लेकर SP तक को नहीं लगी भनक…

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Fake sub inspector arrested in bihar
Photo: News 18.com

खगडिया:- बिहार में एक फर्जी दारोगा की अनोखी करतूत सामने आई है। खुद को दारोगा बताकर ये शख्स एक-दो दिन नहीं बल्कि लगभग एक महीने तक थाने में नौकरी करता रहा लेकिन किसी को इसकी भनक नहीं लगी। खुद को 2019 बैच का दारोगा बताने के बाद पुलिस का वर्दी पहनकर विक्रम कुमार नाम का यह युवक थाने में काम करने के साथ ही पुलिस की गश्ती, बैंकों में सीसीटीवी चेकिंग और वरीय अधिकारियों के साथ अनुसंधान में भी जाता रहा लेकिन किसी को उसकी असलियत का पता नहीं लगा।

दारोगा बनकर फर्जीवाड़ा करने का मामला बिहार के खगड़िया जिले से जुड़ा है। जिले के मानसी थाना में लगभग एक महीने तक पुलिस का वर्दी पहनकर विक्रम काम करता रहा लेकिन किसी को इसकी भनक तक नहीं थी। जब पूरे मामले का खुलासा हुआ तो विभाग के अधिकारी भी दंग रह गए, वहीं फर्जी दारोगा भी मामले का खुलासा होने के बाद से फरार है।

पूरे मामले का खुलासा एसपी को दिए गए आवेदन के बाद हुआ। गोगरी अनुमंडल के रहने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता मनोज मिश्रा ने खगड़िया एसपी अमितेश कुमार को लिखित शिकायत दी। आवेदन में मनोज मिश्रा ने मानसी थाना प्रभारी दीपक कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि थाना प्रभारी अपने पास एक युवक को पुलिस की वर्दी पहनाकर रखे हुए हैं और उससे थाने के कई कार्यों को भी किया है। मनोज मिश्रा ने उस युवक की पुलिस वर्दी पहने फोटो और खगड़िया के सदर एसडीपोओ के साथ अनुसंधान में जाते हुए फोटो भी संलग्न किया, साथ ही साथ विक्रम कुमार द्वारा मानसी थाना क्षेत्र में विभिन्न बैंकों का चेकिंग करने के बाद बैंक में रखे रजिस्टर पर किया गया हस्ताक्षर का फोटो भी संलग्न किया।

मनोज मिश्रा ने विक्रम कुमार का एक ऑडियो भी वायरल किया जिसमें विक्रम कुमार बता रहा है कि उसने दारोगा की परीक्षा पास की लेकिन राजगीर में ट्रेनिंग के लिए जगह नहीं थी इसलिए मुंगेर डीआईजी के यहां योगदान दिया और फिर वहां से मानसी थाना भेजा गया। विक्रम कुमार अपना एडमिट कार्ड से लेकर रिजल्ट तक दिखा रहा था।

खगड़िया पुलिस लाइन के मेजर महेन्द्र कुमार का कहना है कि किसी भी पुलिसकर्मी का तबादला या नया नियुक्ति होता है तो वह सबसे पहले पुलिस लाइन में मेजर के पास योगदान करता है उसके बाद उसे थाना भेजा जाता है लेकिन विक्रम कुमार पुलिस लाइन आया ही नहीं। मानसी थाना प्रभारी ने जब फोन कर उनसे पूछा था तो उन्हें सारी जानकारी दे दी गई थी, ऐसे में सवाल यह कि कैसे बिना किसी आदेश के विक्रम कुमार मानसी थाने में कई दिनों तक ड्यूटी कैसे करता रहा।

सदर डीएसपी कर रहे है पुरे मामले की जांच

खगड़िया एसपी अमितेश कुमार के निर्देश पर सदर एसडीपोओ सुमित कुमार पूरे मामले की तफ्तीश में जुटे हुए हैं। उनका कहना है कि जल्द ही जांच रिपोर्ट एसपी को सौंप दी जाएगी। सबसे बङ़ी चूक मानसी थाना प्रभारी की सामने आ रही है कि आखिर बिना एसपी के आदेश के कैसे उस शख्स को थाना में योगदान करवाया गया और कैसे उससे थाना का काम लिया गया। क्यों नहीं विक्रम कुमार के थाना पहुंचते ही फोन के माध्यम से पुलिस लाइन के मेजर से पूरी जानकारी ली गई।

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