यहां 4 बहनों ने दिया पिता की अर्थी को कंधा…भाई को पिता के पास भटकने तक नहीं दिया..जानिए क्यों

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Here 4 sisters gave the shoulder to the father's father… did not even allow the brother to wander to the father ..
फोटो: न्यूज 18 डॉट कॉम

अक्सर हमने सुना है कि अंतिम संस्कार के समय बेटे माता पिता की चिता को मुखाग्नि देते सारी रस्में निभाई है।लेकिन झांसी से इससे विपरीत एक अनोखा मामला सामने आया है जहां बेटे के होते हुए पिता के अंतिम संस्कार की सारी रस्में उनकी चार बेटियों ने की और अपने भाई को उनके शव के आसपास भटकने नहीं दिया।

जानकारी के मुताबिक मृतक जा नाम गोरे लाल साहू था,जो डडियापुरा गल्ला मंडी रोड के निवासी थे।उनकी शुक्रवार की सुबह को हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई।उनके परिवार में चार बेटियां और एक बेटा है।बेटियों का नाम संगीता,स्वाति, शोभा और लेखनी है।

उन सभी को जैसी ही पिता की मृत्यु की खबर मिली वे तुरंत ही अपने मायके पहुंची और चारों ने अंतिम संस्कार की सारी जिम्मेदारी खुद से उठाई। उनकी अर्थी को कंधा भी उन चारों बेटियों ने दिया,और सारे विधि विधान के साथ अपने पिता के शव को मुखाग्नि दी। यहां तक कि उन्होंने इस सब के दौरान अपने भाई और भाभी को इन सभी रस्मो से दूर रखा। बेटे के होते हुए बेटियों को रस्मे निभाते देख सभी लोग हैरान थे।

जब बहनों से इस बारे में पूछा गया तो चारों बहनों में से संगीता साहू ने बताया कि उनका भाई उनके पिता को प्रताड़ित करता था।और सभी बहने अपने पिता का ध्यान रखती थी। इसीलिए चारों बहनों ने मिलकर यह निर्णय लिया कि उनका भाई किसी भी रस्म में शामिल नहीं होगा और ना ही उनके पिता के शव को हाथ भी लगाएगा।यह सबक उन सभी बेटों के लिए है जो अपने माता पिता को कुछ नही समझते और उनकी ठीक से देखभाल नहीं करते।

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