बड़ी खबर: उत्तराखंड का ये गांव अपने दम पर ही दवाई से लेकर आइसोलेशन वार्ड तक..खुद ही लड़ाई लड़ रहा है…

0
Inspiring story of Uttarkashi villagers who fight covid on their own isolation wards and medicine
Photo: AajTak.in

आपको बता दें की, उत्तरकाशी शहर से 38 किमी दूर ढिकोली गांव के लोग कोरोना से लड़ाई अब खुद ही लड़ रहे है और मिसाल कायम कर रहे है। वहां के ग्रामीणों ने कहा कि वो अपने दम पर कोविड के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे और उन्होंने ग्रामीण निगरानी समिति नामक एक समिति भी बनाई है। ढिकोली गांव में जैसे ही कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी तो, वैसे ही ग्रामीणों ने एक स्कूल को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिया। वहीं आपको बता दें की ग्रामीण निगरानी समिति के प्रमुख ब्रह्मानंद उनियाल ने इंडिया टुडे टीवी को बताया की, जैसे ही संख्या बढ़ने लगी, उन्होंने गांव के स्कूल को आइसोलेशन वार्ड में बदलना शुरू कर दिया।

ब्रह्मानंद उनियाल ने कहा, ‘हमने इंटरनेट से समझा कि क्या करने की आवश्यकता है और फिर उस को ध्यान में रखते हुए एक स्कूल को आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया। हमने अपने दम पर संसाधनों में जमा किया और नेबुलाइज़र, थर्मामीटर के साथ-साथ कोविड के लिए आवश्यक दवाएं भी लाए। उन्होंने बताया की हमने इम्युनिटी बढ़ाने वाले पेय बनाना भी शुरू किया।ढिकोली गांव के लोग कोरोना महामारी से लड़ाई को लेकर कितने जागरुक हैं, वहीं गांव के लोगों का दिन में कम से कम दो बार थर्मामीटर से तापमान चेक किया जाता है। साथ ही ग्रामीण निगरानी समिति के प्रमुख ब्रह्मानंद उनियाल का कहना है कि इससे लक्षणों की पहले से जांच की जा सकती है।

और अगर किसी में गंभीर लक्षण दिखने पर निगरानी समिति, अधिकारियों से संपर्क करती है। पहला कदम व्यक्ति को आइसोलेट करना है और फिर अगले 24 से 48 घंटों में वे यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि व्यक्ति को आवश्यक चिकित्सा देखभाल मिल सके। वहीं, पूरे गांव में हर दूसरे दिन सभी घरों में मास्क बांटे जाते हैं और तापमान की रैंडम जांच की जाती है। ALSO READ THIS:आर्मी CSD कैंटीन में होगा बड़ा बदलाव, सेना ने जारी किया ऑर्डर, होंगे ये बदलाव, पड़िए..

और इसी बीच गांव की मूल निवासी द्वारिका सेमवाल ने इंडिया टुडे को बताया, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर दिन तापमान जांच हो, हम किसी भी तरह की लापरवाही नहीं चाहते हैं, हमने इस बीमारी के लिए आवश्यक दवाओं का स्टॉक कर लिया है, सुविधा ऐसी है कि जिनमें हल्के लक्षण होंगे, वे गांव के भीतर ही ठीक हो सकेंगे।इस से बीमारी पर जल्दी से काबू पाया जाएगा। ढिकोली गांव एक बहुत ही नेक काम कर रहा है, और इस महामारी को खत्म करने के लिए खुद आत्मनिर्भर बन रहा है। ALSO READ:भारत सरकार के खिलाफ whatsapp द्वारा मुकदमा दर्ज, पढ़िए पूरी खबर…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here