आए दिन दुर्घटनाओं की खबर तो आती ही रहती है। ऐसी ही एक खबर आज जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले के रंजीत सागर बांध झील से आ रही है। यहां पिछले ही हफ्ते एक हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया, जिसमे से दो पायलट लापता हो गए है। अब सेना ने उनकी खोज के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद की मांग की है।पायलटों को लापता हुए 9 दिन हो चुके है। उन्हे तलाशने का अभियान 9वे दिन भी जारी है। जम्मू के सेना के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद के द्वारा बताया गया कि लापता पायलट की तलाश में लिए सेना ने उन्हे 60 वर्गमीटर के क्षेत्र को चिह्नित किया है साथ ही इस अभियान के लिए केरल के कोच्चि से लाए गए विशेष सोनार उपकरण की भी सहायता ली जा रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि हेलीकॉप्टर की खोज के लिए सैन्य अधिकारी अपनी तरफ से कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं। हेलीकॉप्टर दो पायलटों के साथ दुर्घटनाग्रस्त होकर रंजीत सागर बांध झील में गिर गया। यह बांध करीब 500 फुट से अधिक गहरा, 25 किलोमीटर लंबा और आठ किलोमीटर चौड़ा है। सेना नौसेना के गोताखोर की टीम भी अथक प्रयास में जुटी हुई है। इस टीम में चार जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ), दो अधिकारी, और अन्य रैंक के 24 अधिकारी भी शामिल हैं। साथ ही कोच्चि, चंडीगढ़, मुंबई और दिल्ली से कुछ अत्याधुनिक मल्टी बीम सोनार उपकरणों, साइड स्कैनरों की मदद ली जा रही है।
इसके अलावा सेना के पीआरओ के द्वारा बताया गया कि यह अभियान खराब मौसम और बारिश में भी जारी है। इस अभियान के लिए भारतीय वायुसेना, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), नौसेना, निजी कंपनियों की विशेषज्ञता देश भर से सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचनबल, बांध, प्राधिकरण (एनडीआरएफ), राज्य पुलिस और गैर सरकारी संगठनों के उपकरण की सहायता ली जा रही है। इस हेलीकॉप्टर ने पायलट और सह-पायलट के साथ तीन अगस्त को पठानकोट के पास मामून सैन्य स्टेशन से उड़ान भरी थी लेकिन दुर्घटनाग्रस्त होते हुए यह झील में जा गिरा।
यह हेलीकॉप्टर सैन्य उड्डयन कोर (एएलएच) का है। इसके बाद हेलीकॉप्टर के सह-पायलट कैप्टन जयंत जोशी के भाई नील जोशी ने ट्वीट कर बचाव एवं तलाश अभियान की मंद गति पर नाराजगी जताई। एक हफ्ते बाद उन्होंने ट्वीट कर लिखा ‘‘हमने अब सारी उम्मीद खो दी है.’’ साथ ही उन्होंने यह भी लिखा कि दुर्घटना को लगभग एक सप्ताह हो चुका है लेकिन अभी तक उनके भाई की कोई खबर नहीं है। इसके बाद कहीं जाकर सेना ने भी अपना बयान जारी किया।
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