
उत्तराखंड में मानसून के आगमन से पहले ही भारी बारिश ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। तो वहीं टिहरी जिला मुख्यालय के पास बोराडी में स्थित वाल्मीकि बस्ती में रात को हुई तेज बारिश के कारण आपदा जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी। साथ ही बारिश के पानी और मलबे ने भारी तबाही मचाई। यहाँ तक की कई घरों को नुकसान पहुंचा और कई वाहन मलबे में दब गए। लोगों ने बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाई। बता दे कि नई टिहरी शहर में मलवे के कारण अवरुद्ध सड़कों को खोलने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है, जैसा कि टिहरी नगर पालिका अध्यक्ष मोहन सिंह रावत ने बताया।
साथ ही आंचल डेरी के पास सड़क बार-बार बंद होने की समस्या सेंट्रल स्कूल के निर्माण कार्य से उत्पन्न हुई है, जिसमें बारिश के दौरान मलबा सड़क पर आ जाता है। सेंट्रल स्कूल के अधिकारियों को इस मलबे को हटाने के लिए निर्देशित किया गया है। उप जिलाधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि वाल्मीकि बस्ती में तेज बारिश के कारण मलबा घुसने से 29 परिवार प्रभावित हुए हैं।
प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिया है और प्रभावित परिवारों की मदद के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। तो वहीं दीपक कुमार के अनुसार, बस्ती के ऊपर का नाला जाम होने से रात की तेज बारिश में पानी बस्ती में घुस गया और आपदा जैसी स्थिति पैदा हो गई। जिसके चलते पानी का स्तर इतना बढ़ गया था कि घरों में कई फीट तक पानी भर गया। कई गाड़ियां पानी में बह गईं यहां तक कि कुछ लोग रात को अपने घरों में ही फंस गए थे, जिन्हें पड़ोसियों ने दरवाजा तोड़कर बचाया।
टिहरी नगर पालिका अध्यक्ष मोहन सिंह रावत ने कहा कि नई टिहरी शहर के रखरखाव और विकास के लिए टिहरी बांध परियोजना को प्रतिवर्ष 8-10 करोड़ रुपये सीएसआर मद से देने चाहिए। बता दे कि नई टिहरी शहर के निर्माण के पीछे टिहरी बांध परियोजना का महत्वपूर्ण योगदान है, इसलिए परियोजना को शहर के रखरखाव और विकास में मदद करनी चाहिए।