छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के कलेक्टर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में दिखाई देता है कि कलेक्टर रणवीर शर्मा एक बच्चे को थप्पड़ मारते हैं। बच्चे ने लॉकडाउन का उल्लघंन किया था, जिसके बाद कलेक्टर ने उसे थप्पड़ मारा और उसका फोन भी तोड़ दिया। अब सवाल यह है कि क्या एक डीएम के पास किसी को भी बीच चौराहे पर थप्पड़ मारने की अनुमति होती है।
बता दें, कलेक्टर को अधिकार नहीं होता कि वह सरेआम किसी भी व्यक्ति को थप्पड़ मारे। यह एक कानूनी प्रक्रिया (lawful activity) नहीं मानी जाती। कानूनी तौर पर कलेक्टर जिले का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति होता है। उसके खिलाफ किसी भी प्रकार की FIR दर्ज कराने से पहले सरकार से मंजूरी जरूर मांगनी पड़ती है। लेकिन यह कानून तभी लागू होता है जब वह अपने कर्तव्यों का सही से पालन करें।
इस बार कलेक्टर रणवीर शर्मा ने सरेआम एक युवक को थप्पड़ मारा है। यह कहीं से भी उनके पद का सही उपयोग नहीं है। इसलिए कलेक्टर के खिलाफ आईपीसी की धारा 323 और 341 के तहत कार्यवाही की जा सकती है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर रणवीर शर्मा को यूजर्स ने जमकर ट्रोल किया। यूजर्स ने हैशटैग चलाकर उन्हें हटाने की भी मांग की। जिसके बाद कलेक्टर रणवीर शर्मा ने खुद सोशल मीडिया पर घटना के बारे में माफी मांगी।