चेन्नई के राजीव जनरल अस्पताल में 8 जून को एक कोरोना पीड़ित महिला का शव मिला था। महिला 23 मई से ही लापता थी और उसका शव अस्पताल के ही आठवीं मंजिल पर मिला। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि अस्पताल में पिछले 3 साल से काम कर रही कॉन्ट्रैक्ट वर्कर ने ही कोरोना पीड़ित की हत्या की थी। उसने पैसों के लिए 41 वर्षीय सुनीता की गला घोटकर हत्या कर ली।
दरअसल सांस लेने में तकलीफ के कारण 22 मई को सुनीता को अस्पताल में भर्ती किया गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने अस्पताल में काम कर रहे कमर्चारियों से पूछताछ शुरू की। स्टाफ के कई सदस्यों ने पुलिस को बताया कि आखिरी बार मरीज को रती देवी नाम की कॉन्ट्रैक्ट वर्कर व्हीलचेयर पर अपने साथ ले गई थी।
इसके बाद पुलिस ने रती देवी से पूछताछ शुरू की। रती देवी ने अपना जुर्म कबूल करते हुए कहा कि उसने पैसों के लिए सुनीता की हत्या की थी। आरोपी रती देवी ने पुलिस को बताया कि वह अपने 22 साल के बेटे और एक बेटी के साथ रहती है। उसके पति का देहांत हो चुका है। उसे इन दिनों पैसों की सख्त जरूरत थी।
जब सुनीता को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था तो उसने उसके बैग में 500 रुपए का नोट देख लिया था। उसने पैसों को चुराने का फैसला किया। फिर स्कैन के बहाने रती देवी सुनीता को व्हीलचेयर पर इमरजेंसी लिफ्ट के जरिए अस्पताल की आठवीं मंजिल में ले गई। वहां उसने सुनीता की गला घोंटकर हत्या कर दी।
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