आपको बता दें कि दो अक्टूबर को संत परमहंस आचार्य द्वारा जल समाधि लेने की घोषणा की गई थी। इसके बाद हिंदू महासभा ने उनका समर्थन करते हुए ऐलान किया है कि दो अक्टूबर को परम हम आचार्य के साथ हिंदू महासभा की एक लाख कार्यकर्ता अयोध्या के सरयू नदी में जल समाधि लेंगे। महासभा में महासचिव देवेंद्र पाण्डेय ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में उन्होंने परम हांस आचार्य के माँगो को मानने की बात कही है। साथ ही उन्होंने लिखा है कि आकर सांता परम हांस आचार्य जल समाधि लेते हैं तो इसकी पूरी ज़िम्मेदारी सरकार की होगी।
आपको बता दें कि संत परमहंस ने जल समाधि लेने से पहले हवन पूजन शुरू कर दिया है। वह अभी भी जल समाधि लेने पर अड़े हुए हैं।अधिकारियों द्वारा उन्हें समझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। परम हंस का कहना है कि जब तक उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलेगा तब तक वह नहीं मानेंगे।
महासभा के महासचिव देवेंद्र पाण्डेय का कहना है कि हिंदू महासभा का पहले से ही एक ही उद्देश्य था। हमने क़रीब चार महीने पहले भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि गोहत्या बंद करें और भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कर दें।1947 मैं जब भारत का विभाजन हुआ था तो भारत को चीरकर एक मुस्लिम राष्ट्रीय बना दिया था। तो विधिवत तरीक़े से जो हमारे पास बचा हुआ है वो हिंदू राष्ट्र होना चाहिए। इस का अल्टिमेटम हमने क़रीब 4 महीने पहले दिया था।
देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि 10, हज़ार कार्यकर्ता आयोध्या पहुँच चुके हैं और इससे भी ज़्यादा रास्ते में है। हमारा टारगेट है कि एक लाख कार्यकर्ताओं के साथ हम लोग सरयू में नदी में प्रवेश करेंगे और आत्म आहूति करेंगे। जब हम राष्ट्रीयता की बात करते हैं तो हमारी बात को अनदेखा कर दिया जाता है ऐसा लगता है कि हमारा वजूद ही ख़त्म हो रहा है। इसलिए हम हिंदू राष्ट्र बनाने की कल्पना की बात यह सब कर रहे हैं। सौ प्रतिशत हमारा यह आंदोलन सफल होगा।मुझे लगता है कि इस राष्ट्र में कुछ अच्छा होने के लिए बलिदान देना पड़ता है। अगर हमारे बलिदान से हिन्दू राष्ट्र होने का गौरव होगा तो हम लोग तैयार हैं।
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