
उत्तराखंड अपनी अनोखी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और धार्मिक महत्व के कारण पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल है, जहां लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने और नए अनुभव प्राप्त करने के लिए आते हैं। इसके साथ ही, उत्तराखंड में पर्यटकों के लिए होम स्टे की सुविधा भी उपलब्ध है, जो स्थानीय लोगों द्वारा संचालित किए जाते हैं। इससे पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति और जीवनशैली के करीब आने का अवसर मिलता है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौढ़ ब्लॉक के मथोली गांव, जिसे स्थानीय लोग ब्वारी गांव के नाम से भी जानते हैं, ने हाल ही में सोशल मीडिया पर खासी लोकप्रियता हासिल की है और अब यह गांव लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। बता दे कि मथोली गांव की महिलाओं ने अपनी मेहमाननवाजी और कौशल से गांव को पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल बना दिया है। वे होम स्टे संचालन से लेकर विलेज टूर तक का कार्य सफलतापूर्वक चला रही हैं, जिससे गांव को एक नया आयाम मिला है। बताते चले कि मथोली गांव को पर्यटक गांव के रूप में विकसित करने का एक महत्वपूर्ण निर्णय उत्तरकाशी के युवक प्रदीप पंवार ने लिया था, जिन्होंने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान अपने गांव लौटने के बाद इस दिशा में काम करना शुरू किया था।
उनकी पहल ने गांव को एक नए दिशा में ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यही नहीं गांव के विकास के लिए एक अनोखा कदम उठाते हुए, प्रदीप पंवार ने अपने पर्यटन अनुभव का उपयोग करते हुए गौशाला को होम स्टे में बदल दिया और इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया, जिससे गांव में पर्यटन को बढ़ावा मिला। इस होम स्टे के संचालन के अलावा, प्रदीप ने महिलाओं को अतिथि सत्कार, भोजन बनाने, ट्रैकिंग और विलेज टूर के लिए प्रशिक्षित किया। साथ ही, उन्होंने गांव की ब्रांडिंग “ब्वारी विलेज” के रूप में की, जिससे महिला सशक्तिकरण का संदेश दूर तक पहुंच सके और गांव को एक अनोखी पहचान मिल सके।
वहीं अब पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करने के बाद, प्रदीप का होम स्टे अब पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर सूचीबद्ध है, जिससे लोग ऑनलाइन बुकिंग भी कर सकते हैं और इससे उनके होम स्टे की पहुंच और भी बढ़ गई है। आपको बता दे कि प्रदीप ने गांव में घस्यारी प्रतियोगिता का आयोजन करके पर्यटकों के लिए एक अनोखा अनुभव प्रदान किया है, जिसमें वे गांव की पारंपरिक जीवनशैली को करीब से देख सकते हैं। यह आयोजन पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है और उन्हें गांव की संस्कृति के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान कर रहा है।
अनीता पंवार,जो एक स्थानीय महिला है, वह बताती हैं कि गांव में अब कई महिलाएं अपने छानियों को होम स्टे में रूप में बदल रही हैं,और जिससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है, बल्कि गांव की महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिल रही है। होम स्टे की शुरुआत के बाद से एक नई कहानी लिखी जा रही है, जहां 1000 से अधिक पर्यटकों की आवाजाही ने 20 महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है। उत्तरकाशी जिले को आमतौर पर हर्षिल और मोरी सांकरी की खूबसूरत वादियों के लिए जाना जाता है, लेकिन अब ब्वारी गांव भी अपनी अनोखी पहचान बनाने लगा है और पर्यटकों के लिए एक नए आकर्षण के रूप में उभर रहा है।