देवभूमि उत्तराखंड को कर्मभूमि के नाम से भी जाना जाता है। यह इसलिए भी क्योंकि यहां के हर नागरिक को देश की सेना से प्रेम है। राज्य के लगभग हर परिवार से कोई न कोई भारतीय सेना में शामिल होकर देवभूमि की शान को और बढ़ाता है। इस कड़ी में अब राज्य की बेटियों ने भी सहयोग देना शुरू कर दिया है। जी हां, उत्तराखंड की 4 बेटियों ने भारतीय सेना में शामिल होकर देवभूमि का नाम रोशन किया है। इनमें से दो गड़वाल मंडल और दो कुमाऊं मंडल की है।
बतादें, साल 2019 में भारतीय सेना ने महिला मिलिट्री पुलिस के लिए पहली बार भर्ती का आयोजन किया था। इसमें अंततः पूरे देश से मात्र 83 महिलाओं का चयन हुआ था। जिसमें दो गड़वाल और दो कुमाऊं मंडल की बेटियां भी शामिल हुई। महिला सेना पुलिस का यह पहला बैच बेंगलुरु के सैन्य पुलिस केंद्र एवं स्कूल से 8 मई को पासआउट हुआ। इससे पहले इनकी जनवरी 2020 से 8 मई 2021 को 61 हफ्तों की ट्रेनिंग पूरी हुई। देवभूमि से जो चार महिलाएं सेना में शमिल हुई है। उनमें गड़वाल मंडल की दो महिलाएं भी है। इनमें गड़वाल मंडल की 21 वर्षीय आशिका और 22 वर्षीय किरण पुंडीर शामिल है।
22 वर्षीय किरण पुंडीर का परिवार उनकी इस उपलब्धि से काफी खुश है। वह टिहरी गढ़वाल के चंबा गांव की निवासी है। उनके पिता चंद्रपाल सिंह ने कहा कि उनकी बेटी बचपन से ही कराटे और अन्य खेलों में काफी आगे थी। सेना में भर्ती होकर उसने गांव का नाम रोशन किया है। वहीं 21 वर्षीय अंशिका के परिवार में भी खुशी का माहौल है। उनके परिजन ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है। उसने राज्य का नाम रोशन कर दिया।
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