जल्द ही गणतंत्र दिवस आने वाला है।हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में परेड आयोजित की जानी है।जिसमे हर वर्ष सभी राज्य झाकियां प्रस्तुत करते है।हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी उत्तराखंड की झांकी भी देखने को मिलेगी।
उत्तराखंड का गठन वर्ष 2000 में हुआ था।और वर्ष 2003 से लेकर अभी तक उत्तराखंड अपने राज्य की झांकियां राजपथ पर प्रस्तुत करने में सफल रहा है।हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी उत्तराखंड ने रक्षामंत्रालय से झांकी प्रस्तुत करने की अनुमति मांगी जिसमे उन्हे मंजूरी दी जा चुकी है।
सूचना विभाग के डीडी केएस चौहान की और से डिफेंस मिनिस्ट्री को पांच आवेदन भेजे गए जिसके अनुसार इस वर्ष 2022 की झांकी में उत्तराखंड प्रस्ताव कुली बेगार प्रथा,केसरी चंद,सालम क्रांति, शहीद,प्रगति के पथ और वीर शहीद दुर्गामल केए पथ में भेजे गए।लेकिन सभी को खारिज कर दिया गया।आईएसके अलावा उत्तराखण्ड प्रगति को प्रगति की सूची में जोड़ दिया गया।
इस वर्ष 2022,में उत्तराखंड की झांकी में चमोली के हेमकुंड साहिब,डोबरा चांठी पुल और भूबैकुंठ बद्रीनाथ धाम की झलक देखने को मिलेगी।उत्तराखंड की 2003 से अभी तक की झाकियां यह है –
2003 – फूलदेई
2005 – नंदा राजजात
2006 – वैली ऑफ फ्लावर
2007 कॉर्बेट नेशनल पार्क
2009 – एडवेंचर टूरिज्म
2010 – हरिद्वार कुंभ
2014 – उत्तराखंड की जड़ी-बूटी
2015 – केदारनाथ
2016 – रम्माण
2018 – रूरल टूरिज्म
2019 – कौसानी स्थित गांधी अनाशक्ति आश्रम
2021 – केदारखंड
इसके साथ ही 2021 में गणतंत्र दिवस समारोह में उत्तराखंड के ‘केदारखण्ड’ झांकी को अलग अलग राज्यों की झाकियां के बीच तीसरा स्थान मिला।इतने समय में यह पहला मौका था जब उत्तराखंड की झांकी को पुरस्कार के लिए चुना गया।